राव इंद्रजीत के लिए चुनौती बना बेटी को विधानसभा भेजना, हर हल्के में विरोधी खेमा एक्टिव

गुरुग्राम | दक्षिण हरियाणा की राजनीति में विशेष पैठ रखने वाले गुरुग्राम से BJP सांसद एवं केंद्र में मंत्री राव इंद्रजीत सिंह (Rao Indrajeet Singh) अपनी बेटी आरती राव को विधानसभा में पहुंचाने के लिए अभी से जुट गए हैं. हालांकि, ये रास्ता काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है क्योंकि गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र की हर विधानसभा सीट पर उनके राजनीतिक धुर- विरोधियों की कोई कमी नहीं है.

Arti Singh Rao

ऐसे में कौन- सी विधानसभा सीट बेटी आरती राव के लिए सुरक्षित रहेगी, इसको लेकर राव इंद्रजीत की कशमकश दूर नहीं हुई है. इसके लिए वह हर हल्के में अपने खास समर्थकों से राय- मशविरा करने में लगे हुए हैं ताकि बेटी को विधानसभा भेजने का रास्ता साफ हो सके.

BJP की नीति भी बन सकती है अड़चन

पिछले एक दशक से पिता राव इंद्रजीत सिंह की राजनीतिक विरासत को संभाल रही आरती राव (Aarti Rao) अहीरवाल क्षेत्र की राजनीति में पूरी तरह से अपनी सक्रियता बढ़ा रही हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी की परिवारवाद विरोधी नीति के चलते आरती को टिकट नहीं मिल पाई थी. अगर पार्टी इस बार भी इसी फार्मूले को दोहराती है, तो उन्हें चुनाव लड़ने के लिए नए विकल्प की तलाश करनी होगी.

चुनावी रण में आरती का उतरना तय

लोकसभा चुनावों के बाद ही तय हो गया था कि इस बार आरती राव हर हाल में विधानसभा चुनाव लड़ेंगी, लेकिन पार्टी और विधानसभा क्षेत्र को बना सस्पेंस अभी भी बरकरार है. चुनाव लड़ने को लेकर उन्होंने किसी एक विधानसभा सीट पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. उनके सामने नारनौल, कोसली, रेवाड़ी, बादशाहपुर और अटेली दमदार विकल्प है.

रेवाड़ी में पुराने विरोधी बरकरार

रेवाड़ी विधानसभा सीट की बात करें तो यहां भी राव इंद्रजीत के पुराने राजनीतिक विरोधी बरकरार है, जो आरती को हराने के लिए एकजुट होकर मैदान में उतर सकते हैं. इनमें कापड़ीवास को सबसे बड़ा व अरविंद यादव को दूसरा खतरा माना जा सकता है.

कोसली विधानसभा सीट पर परम्परागत जनाधार

70 के दशक में जाटूसाना हल्के से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले राव इंद्रजीत सिंह के लिए इसी हल्के (नया नाम कोसली) में सबसे बड़ा परम्परागत वोट बैंक है. आरती राव को इस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाने में मौजूदा विधायक की नाराजगी तय है.

दूसरी ओर, इंद्रजीत सिंह को जाटूसाना से एक बार हरा चुके पुराने विरोधी जगदीश यादव उनकी बेटी आरती को हराने के लिए पूरा दमखम दिखा सकते हैं. फिलहाल, राव इंद्रजीत सिंह सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार करने में व्यस्त नजर आ रहे हैं.

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