शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या वाले आज जरुर करें यह उपाय, नहीं होगी किसी तरह की परेशानी

ज्योतिष | आज माघ मास की अमावस्या है. इस अमावस्या को मौनी अमावस्या भी कहा जाता है. यह अमावस शनिवार को पड़ रही है जिस वजह से इसे शनि अमावस्या भी कहां जा रहा है. शनि अमावस्या का विशेष महत्व होता है. इस दिन शनि देव की पूजा अर्चना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. मौजूदा समय में कुंभ, मकर और मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. वहीं, कर्क,  वृश्चिक राशि पर शनि की ढैया चल रही है. जिस वजह से इन राशि के जातकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

यह भी पढ़े -  साल 2025 में गुरु ग्रह करेंगे राशि परिवर्तन, चमकेगा इन 3 राशि के जातकों का भाग्य

SHANI DEV

शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या की वजह से व्यक्ति के जीवन में तमाम तरह की परेशानियां उत्पन्न हो जाती है. शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति के लिए आप इस दिन दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ करें. दशरथ कृत शनि स्त्रोत की रचना भगवान श्री राम के पिता राजा दशरथ ने की थी. जिस वजह से उन्हें शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त हुई थी. जिन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही है वह भी दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ अवश्य करें.

यह भी पढ़े -  26 नवंबर को बुध बदलेंगे अपनी चाल, इन 3 राशियों की लगेंगी लॉटरी

शनिवार के दिन अवश्य करें दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ

राजा दशरथ कृत शनि स्तोत्र नमः कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च। नमः कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ।।

नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च । नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते ।।

नमः पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नमः । नमो दीर्घायशुष्काय कालदष्ट्र नमोऽस्तुते।।

नमस्ते कोटराक्षाय दुर्निरीक्ष्याय वै नमः । नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।।

यह भी पढ़े -  12 साल बाद मार्गी होंगे गुरु ग्रह, फरवरी 2025 से शुरू होगा इन तीन राशियों का अच्छा समय

नमस्ते सर्वभक्षाय वलीमुखायनमोऽस्तुते। सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करे भयदाय च।।

अधोदृष्टेः नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तुते। नमो मन्दगते तुभ्यं निरिस्त्रणाय नमोऽस्तुते।।

तपसा दग्धदेहाय नित्यं योगरताय च । नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नमः।।

ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज सूनवे। तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्।।

देवासुरमनुष्याश्च सिद्धविद्याधरोरगाः । त्वया विलोकिता: सर्वे नाशंयान्ति समूलतः ।।

प्रसाद कुरु मे देव वाराहोऽहमुपागत। एवं स्तुतस्तद सौरिग्रहराजो महाबलः ।।

Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी अलग- अलग जगह से जुटाई गई एक सामान्य जानकारी है. Haryana E Khabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!

exit