चंडीगढ़ | भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा टेंडर नहीं देने के कारण हरियाणा की आटा मिलों में गेहूं की किल्लत हो गई है. आलम यह है कि पिछले छह माह से गेहूं नहीं मिलने से 17 आटा चक्कियां बंद पड़ी हैं. बाकी मिलों के पास भी स्टॉक कम है. दूसरी ओर बाजार में गेहूं और आटे की कीमतों में तेजी आई है. पिछले तीन माह में बाजार में गेहूं के भाव में 600 रुपये प्रति क्विंटल और आटे के भाव में 13 रुपये प्रतिकिलों की बढ़ोतरी हुई है.
एफसीआई द्वारा हर साल जुलाई माह से ओपन बिडिंग शुरू की जाती है लेकिन इस बार एफसीआई के पास ही स्टॉक कम है इसलिए केंद्र सरकार ने ओएमएसएस (ओपन मार्केट सेल्स स्कीम) की पॉलिसी जारी नहीं की. यही कारण रहा कि एफसीआई ने हरियाणा में गेहूं नहीं बेचा. मजबूरी में आटा चक्की संचालकों को दूसरे राज्यों से महंगे दामों पर गेहूं खरीदना पड़ रहा है.
ऐसे पड़ा कीमतों में असर
गेहूं की खरीदारी में आई तेजी का असर आटे की कीमतों पर भी पड़ रहा है. इस समय हरियाणा में औसतन 40 रुपये प्रति किलोग्राम तक आटा बिक रहा है, जबकि तीन माह पहले तक यही आटा 27 से 30 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा था. वहीं, गेहूं की बात करें तो पहले जो गेहूं 2700 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा था, बाजार में उसके भाव 3300 रुपये तक पहुंच गए हैं. हरियाणा में कुल 47 छोटी-बड़ी आटा चक्कियां हैं. मिल संचालकों को गेहूं के लिए बाहरी राज्यों का रुख करना पड़ रहा है.
कई जिलों में पीडीएस आपूर्ति में भी समस्या
एफसीआई के पास गेहूं का स्टॉक कम होने से प्रदेश के कई जिलों में पीडीएस की आपूर्ति भी बाधित हो रही है. मजबूरी में दूसरे जिलों से सप्लाई दी जा रही है. फरीदाबाद, पलवल, भिवानी, हिसार और पंचकूला सहित अन्य जिलों में भी पीडीएस का स्टॉक कम है.
हरियाणा में सिर्फ 15.50 लाख मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक
हरियाणा एफसीआई के स्टॉक की बात करें तो अभी गोदामों में 15.50 लाख मीट्रिक टन गेहूं ही रखा हुआ है. यह पिछले साल की तुलना में काफी कम है. एफसीआई के अधिकारियों का कहना है कि पिछली बार लक्ष्य के मुकाबले 50 फीसदी ही गेहूं की खरीद हुई थी. हरियाणा से 80 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य था लेकिन 40 लाख मीट्रिक टन ही गेहूं की खरीद हो सकी.
इसके अलावा, प्रधानमंत्री मुफ्त राशन योजना के लिए भी स्टॉक राज्य से बाहर भेज दिया गया है. इसलिए इस बार अतिरिक्त स्टॉक नहीं है. अधिकारियों का दावा है कि यह स्टॉक अप्रैल तक काम करेगा और किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी. केंद्र से योजना आती है तो 1 लाख मीट्रिक टन गेहूं भी खुली बोली में बेचा जाएगा. वहीं, गेहूं की कमी अप्रैल माह में नई गेहूं की फसल आने के बाद ही पूरी होगी.
आटा मिल एसोसिएशन हरियाणा ने कही ये बात
उमेश शर्मा (प्रदेश अध्यक्ष, आटा मिल एसोसिएशन हरियाणा) ने बताया कि हर साल जुलाई माह से एफसीआई गेहूं के लिए बोली लगाती है लेकिन इस बार अभी तक योजना नहीं आई है. आटा मिलों को पिछले तीन माह से गेहूं की आपूर्ति नहीं हो रही है. इस दौर में 17 छोटी-बड़ी मिलें बंद हो चुकी हैं. वहीं, अन्य को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. एसोसिएशन इस संबंध में केंद्रीय खाद्य सचिव से भी मिल चुका है लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है.
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