चंडीगढ़ | यौन उत्पीड़न मामले में हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह पर आरोप लगाने वाली जूनियर महिला कोच को बड़ी राहत मिली है. अब मकान मालिक जबरन कोच से मकान खाली नहीं करा सकेगा. पंचकूला जिला अदालत ने इस पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि प्रथम दृष्टया मामला वादी के पक्ष में है इसलिए प्रतिवादी को संपत्ति से बेदखल किए जाने पर रोक लगाई जाती है.
15 मार्च को होगी अगली सुनवाई
अदालत ने प्रतिवादियों की ओर से लिखित बयान दर्ज करने और स्थगन आवेदन का जवाब देने के लिए मामले को 15 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया. कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस आदेश को रद्द करने से पहले यह स्पष्ट किया जाता है कि इस आदेश का मामले के गुण- दोष पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
संदीप सिंह दबाव बना रहे हैं : पीड़ित
पीड़ित जूनियर महिला कोच ने आरोप लगाया था कि मकान मालिक पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह के दबाव में उसे घर खाली करने के लिए मजबूर कर रहा था. कोच ने बताया कि हाल ही में हॉकी का एक पूर्व खिलाड़ी कुछ पुलिसकर्मियों के साथ मकान मालिक के घर आया था. जिसके बाद से वह लगातार उस पर मकान खाली करने का दबाव बना रहा था.
कोच के वकील दीपांशु बंसल ने बताया कि वादी मकान मालिक (प्रतिवादी) का किराएदार है. प्रतिवादी अवैध रूप से और जबरदस्ती वादी को सूट की संपत्ति से बेदखल करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जबकि महिला कोच पिछले साल दिसंबर तक नियमित किराया दे रही हैं.
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