चंडीगढ़ | साध्वियों से यौन शौषण और पत्रकार मर्डर केस में रोहतक की सुनारियां जेल में सजा भुगत रहे डेरा प्रमुख राम रहीम को बार- बार पैरोल देने पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि BJP राजनीतिक लाभ उठाने के उद्देश्य से डेरा प्रमुख मेहरबान हैं क्योंकि 2024 चुनावी साल रहने वाला है. इस साल लोकसभा चुनाव होंगे और इसके 6 महीने बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं इसलिए राम रहीम को 14 महीनों में चौथी बार पैरोल मिली है.
डेरा प्रमुख पर खट्टर सरकार की मेहरबानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस बार तो वह पौने 2 महीने में ही फिर 40 दिन की पैरोल पर 21 जनवरी को बाहर आ गया है. जेल से बाहर आने पर वह आश्रम में वर्चुअल सत्संग करता है तो बीजेपी के बड़े- बड़े दिग्गज नेता वहां हाजिरी लगा रहे हैं और बाबा से कह रहे हैं कि आपका आशीर्वाद इसी तरह से हमारे साथ बना रहें.
इन प्वाइंट्स से समझिए BJP की मजबूरी
- साल 2014 के विधानसभा चुनावों में डेरा प्रमुख राम रहीम के खुले समर्थन की बदौलत हरियाणा में पहली बार अपने दम पर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई. बीजेपी को 90 में से 47 सीटें हासिल हुई थी.
- 2017 में डेरा प्रमुख को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया. इससे डेरा प्रेमियों की नाराज़गी बीजेपी से बढ़ी और 2019 के विधानसभा चुनावों में पार्टी 40 सीटों पर सिमट गई और पूर्ण बहुमत का आंकड़ा नहीं छू सकी. सिरसा और फतेहाबाद डेरा प्रेमियों का गढ़ है.
- सिरसा में बीजेपी की झोली पूरी तरह से खाली रही जबकि फतेहाबाद में दो सीटें हासिल हुई. ऐसे में बीजेपी को जननायक जनता पार्टी के साथ मिलकर मजबूरी में गठबंधन सरकार बनानी पड़ी.
इन फायदों के चक्कर में BJP
- डेरा प्रमुख पर मेहरबानी दिखाकर बीजेपी 2014 की तरह फिर से पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने की उम्मीद लगा रही है.
- 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने हरियाणा की सभी 10 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. ऐसे में बीजेपी फिर से इसी प्रदर्शन को दोहराकर अपना दबदबा कायम रखना चाहती है ताकि केन्द्र में हरियाणा बीजेपी संगठन और खासकर सीएम मनोहर लाल का कद बढ़े.
- सबसे अहम पहलू पंजाब है. वहां BJP इस बार अकेले चुनाव लड़ेगी. वहां 13 लोकसभा सीटें हैं.
- पहले BJP सिर्फ 3 सीटों पर लड़ती थी. पंजाब में डेरा प्रेमियों की अच्छी तादाद है. ऐसे में इनके जरिए भाजपा वहां अपना दमखम दिखा सकती है.
डेरा प्रमुख की पैरोल का चुनावी कनेक्शन
- बाबा राम रहीम फरवरी 2022 में पहली बार 21 दिन की फरलो पर जेल से बाहर आया. उस समय पंजाब और यूपी में विधानसभा चुनाव थे. पंजाब की मालवा बेल्ट और पश्चिमी यूपी में बीजेपी को इसका फायदा भी हुआ लेकिन पंजाब में बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो पाई जबकि उत्तर प्रदेश में लगातार दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है.
- अक्टूबर 2022 में राम रहीम फिर से 40 दिन की पैरोल पर आया. तब हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव, हरियाणा में आदमपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव और पंचायत चुनाव होने वाले थे.
- अब 2023 में बाबा फिर पैरोल पर जेल से बाहर आया है. अगले साल हरियाणा में विधानसभा और देश में लोकसभा चुनाव होने हैं. इसे उससे जोड़कर देखा जा रहा है.
रेपिस्ट बाबा के आगे नतमस्तक BJP
जेल से बाहर आने पर बलात्कारी बाबा राम रहीम आनलाइन सत्संग करता है. इस बार पैरोल मिलने पर उसने स्वच्छता अभियान चलाया. इन मौकों पर बीजेपी के कई बड़े नेता डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा, राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार, पानीपत विधायक प्रमोद विज, गुहला चीका विधायक कुलवंत बाजीगर, सीएम ओएसडी कृष्ण बेदी सहित कई अन्य नेता बाबा के आनलाइन सत्संग में नतमस्तक हुए.
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