चंडीगढ़ | गुरुग्राम के सैक्टर-84 में हैलीपोर्ट स्थापित किया जाएगा. इस हैलीपोर्ट की स्थापना से दिल्ली के एयर- स्पेस को एक नया विकल्प मिलेगा तथा हरियाणा के साथ लगते राज्यों के शहरों के लिए एक अच्छी कनैक्टिविटी भी साबित होगा. इसी प्रकार रिजनल कनैक्टीविटी स्कीम (आरसीएस) के तहत, हरियाणा के विभिन्न शहरों को उत्तरी राज्यों के शहरों के साथ जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि हरियाणा उड्डयन क्षेत्र में तेजी से आगे बढ रहा है और इस कडी में कई योजनाओं पर कार्य भी कर रहा है.
हैलीपोर्ट की स्थापना अंतिम चरण में
उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में केन्द्र सरकार की संस्था पवनहंस, एयर इंडिया, राज्य के उड्डयन विभाग इत्यादि के अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. बैठक में चौटाला ने बताया कि हरियाणा और एनसीआर के लोगों को हेलीकाप्टर की सेवाएं देने के लिए जल्द ही गुरूग्राम के सैक्टर 84 में एक हैलीपोर्ट स्थापित किया जाएग.
इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए कार्यवाही अंतिम चरण में है. इस बैठक में हैलीपोर्ट को स्थापित करने के लिए आज केन्द्र सरकार की संस्था पवनहंस के अधिकारियों के साथ विभिन्न विशयों पर चर्चा और विचार विमर्श भी किया गया.
हैलीपोर्ट में होंगी विभिन्न सुविधाएं
बैठक में बताया गया कि गुरूग्राम में बनाए जाने वाले हैलीपोर्ट में 100 यात्रियों के लिए एक टर्मिनल को बनाने का प्रावधान किया गया है. गुरूग्राम में द्वारका एक्सप्रैस-वे के साथ लगते इस हैलीपोर्ट में विभिन्न प्रकार की सुविधाएं होंगी जिसमें छोटे व बडे हैलीकाप्टर को रखने के लिए हैंगर, पार्किंग, मरम्मत इत्यादि सुविधाएं शामिल हैं.
हैलीपोर्ट देगा ये सुविधा
बैठक में उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हैलीपोर्ट के बनने से दिल्ली और आसपास के इलाकों के उडडयन ट्रैफिक में कमी होगी और दिल्ली के एयर स्पेस को एक नया विकल्प भी मिलेगा. उन्होंने बताया कि इस हैलीपोर्ट में 300 मीटर का रनवे और 6 लैंडिग स्पोट व पार्किंग भी होंगें. चौटाला ने बताया कि यह हैलीपोर्ट हैलीकाप्टर को जल्द से जल्द लैंडिंग और टेकआफ की सुविधा भी देगा. उन्होंने कहा कि भविष्य में इस हैलीपोर्ट को 24 गुणा 7 संचालित करने के लिए रात्रि सुविधा के अलावा अन्य विकल्पों पर भी आज की बैठक में व्यवर्हायता पर विचार किया गया.
आरसीएस स्कीम के अंतर्गत केन्द्र सरकार को भेजा प्रस्ताव
बैठक के दौरान दुष्यंत चौटाला ने बताया कि रिजनल कनैक्टीविटी स्कीम (आरसीएस) के तहत, आगे बढते हुए हरियाणा लीड कर रहा है और इस दिशा में हिसार, अंबाला और करनाल से देश के उत्तरी राज्यों के शहरों के बीच उड्डयन कनैक्टीविटी करने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजे गए हैं. इस स्कीम हरियाणा सहित पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, जम्मू कश्मीर और उत्तर प्रदेश शामिल है.
उन्होंने बताया कि इन राज्यों के लिए एयर स्पेस को जोडा जाएगा और एक राज्य के शहर से दूसरे राज्यों के शहरों में एयर कनैक्टिीविटी स्थापित की जाएगी. इस स्कीम को आगे बढाने के लिए केन्द्र सरकार भी आगे बढ रही है. बैठक में बताया गया कि प्राथमिक तौर पर इस स्कीम के अंतर्गत हिसार से जैसलमेर, हिसार से जयपुर, हिसार से आगरा, अंबाला से वाराणसी, अंबाला से गोरखपुर इत्यादि शहरों को कनैक्ट करने की योजना है.
स्थापित होंगे पायलट और कैबिन-क्रू प्रशिक्षण संस्थान
बैठक में उप-मुख्यमंत्री की एयर इंडिया उड्डयन प्रशिक्षण अकादमी के निदेशक सुनील भास्करन से भी बातचीत हुई कि एयर इंडिया हरियाणा में उड्डयन के क्षेत्र में 3500 करोड रूपए निवेश करके प्रशिक्षण को शुरू करना चाहती हैं. उप-मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रशिक्षण अकादमी को शुरू करने के लिए राज्य सरकार ने इंजिनियर प्रशिक्षण हेतू गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी (जीजेयू) और हिसार कलस्टर के साथ मिलकर आगे बढने का सुझाव दिया हैं. सीमूलेटर के तहत पायलट और कैबिन-क्रू प्रशिक्षण हेतू सरकार ने पातली- हाजीपुर और एटीएल सोहना में अकादमी खोलने का सुझाव दिया है. जिसके तहत एक सप्ताह के भीतर एयर इंडिया इन स्थानों को एक्सपलोर करके जानकारी राज्य सरकार को मुहैया कराएगा.
हिसार एयरपोर्ट का कार्य युद्ध स्तर पर जारी
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि हिसार एयरपोर्ट की चारदीवारी का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है और आने वाली 31 मार्च तक इसका कार्य पूरा हो जाएगा. इसी प्रकार हिसार एयरपोर्ट के रनवे का कार्य भी अगले एक से डेढ माह तक पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इन कार्याें के पूरा होने के बाद उपकरणों की स्थापना और लाईट की स्थापना इत्यादि का कार्य किया जाएगा.
ई-टैंडरिंग के तहत 28 विभागों ने एक सिस्टम को अपनाया
सरपंचों के गतिरोध के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि विरोध करना चर्चा का अंत नहीं है क्योंकि सारे सरपंच अभी चुनकर आए हैं और पहली बार कुछ नया अपनाया जा रहा है. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ‘मैं तो यही कहूंगा कि सरपंचों को साथ देना चाहिए क्योंकि जीएसटी में कई संशोधन किए गए हैं, इसलिए आज जीएसटी से व्यवहार्य माॅडल टैक्स का किसी भी देश में नहीं हैं. इसी प्रकार ई-टैंडरिंग के तहत 28 विभागों ने एक सिस्टम को अपनाया है..
आम बजट में मिलेगी आम आदमी को राहत
केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले आम बजट के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि राखीगढी के लिए निर्धारित 500 करोड़ रूपए की राशि को ओर बढाया जाए, जिससे दुनिया की सबसे पुरानी एतिहासिक साइट को आगे ले जाया जा सकें. उन्होंने कहा कि आम आदमी को टैक्स में छूट मिलें और मुझे विश्वास है कि बजट में आम आदमी को टैक्स से राहत मिलेगी. उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा, विज्ञान और तकनीक पर भी निवेश करने की दिशा में बजट में प्रावधान होना चाहिए.
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