चंडीगढ़ | हरियाणा के करदाताओं के लिए खुशखबरी है क्योंकि केंद्रीय बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर सात लाख करने से हरियाणा के मध्यम वर्ग के करदाताओं को बड़ी राहत मिली है. एक अनुमान के मुताबिक, इस घोषणा से हरियाणा में करीब चार लाख लोग टैक्स के दायरे से बाहर हो जाएंगे. आयकर विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, मौजूदा समय में राज्य में 10 लाख से ज्यादा लोग इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं. नया स्लैब लागू होने से राज्य में आयकरदाताओं की संख्या घटेगी और करीब चार लाख लोगों को टैक्स नहीं देना पड़ेगा.
चुनाव की दहलीज पर खड़े हरियाणा के लिए केंद्रीय बजट मिला- जुला रहा है. भले ही राज्य के लिए सीधे तौर पर कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई लेकिन केंद्रीय परियोजनाओं में हरियाणा को हजारों करोड़ का बजट मिलेगा. वर्ष 2014 के बाद जींद, भिवानी, नारनौल और फरीदाबाद में स्थापित चार मेडिकल कॉलेजों के अलावा हरियाणा में चार नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे.
दोबारा से चालू होंगी एमएसएमई यूनिट
बजट में कोविड के समय से प्रभावित एमएसएमई को बड़ी राहत दी गई है. प्रदेश में लगभग 9.7 लाख एमएसएमई यूनिट हैं जो बढ़ती अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. कोविड के चलते काफी संख्या में एमएसएमई यूनिट के लिए सिक्योरिटी तो जमा कराई गई लेकिन यूनिट चालू नहीं हो पाई. अब 95 प्रतिशत सिक्योरिटी सरकार वापस करेगी. यह लघु व्यापारियों के लिए बड़ी राहत होगी क्योंकि इसमें व्यापारियों की मोटी राशि फंसी हुई थी.
केंद्रीय योजनाओं से हरियाणा को मिले ये फायदे
एनसीआर के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की मांग को तो स्वीकार नहीं किया गया लेकिन ऑटोमोबाइल, एमएसएमई और कृषि को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिकताएं रखी गई हैं. बजट में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पूंजी निवेश योजना के लिए राज्यों को 50 वर्ष के ब्याज मुक्त ऋण के रूप में विशेष सहायता जारी रखने की मांग को स्वीकार कर लिया गया है.
हरियाणा को कृषि के क्षेत्र में मिला फायदा
हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है. केंद्रीय बजट में कृषि, डेयरी और मत्स्य पालन पर विशेष ध्यान दिया गया है. सब्सिडी पहले की तरह जारी रहेगी और किसानों के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का फंड रखा गया है. बागवानी को बढ़ावा देने के साथ- साथ कृषि स्टार्टअप ने एक नई योजना शुरू की है. इससे प्रदेश के युवा कृषि से जुड़ सकेंगे. इसी तरह हरियाणा को ऑटोमोबाइल का हब माना जाता है. यहां पूरे देश में बनने वाली 65 फीसदी गाड़ियां हरियाणा में बनती हैं. ऑटोमोबाइल सेक्टर को राहत दी गई है. इससे उत्पादन बढ़ेगा और इसका सीधा फायदा हरियाणा को होगा.
2025 तक हरियाणा को मिलेंगे 35 हजार करोड़
केंद्र की विभिन्न योजनाओं में हरियाणा को 2025 तक 35,000 करोड़ रुपये मिलने हैं. ऐसे में इस साल केंद्र से करीब 12 हजार करोड़ रुपये हरियाणा के हिस्से में आएंगे. केंद्र सरकार द्वारा कुल बजट में हरियाणा का हिस्सा 1.093 प्रतिशत निर्धारित किया गया है. यह पिछले वर्षों की तुलना में पहले की तुलना में अधिक है.
इससे पहले, हरियाणा को केंद्रीय बजट का केवल 1.08 प्रतिशत हिस्सा मिलता था. टैक्स के हिस्से को देखा जाए तो हरियाणा के लिए करीब आठ हजार करोड़ रुपए बनते हैं.
अब हरियाणा में होंगे दस नर्सिंग कॉलेज
इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री भी 194 करोड़ रुपये की लागत से राज्य में छह नर्सिंग कॉलेज खोलने की घोषणा कर चुके हैं. इनमें फरीदाबाद, रेवाड़ी, कैथल, कुरुक्षेत्र और पंचकुला जिले शामिल हैं. केंद्रीय बजट से चार और नए नर्सिंग कॉलेज मिलना हरियाणा के लिए बड़ी सौगात है. करनाल और सफीदों में एक-एक नर्सिंग कॉलेज है जबकि राज्य में आठ नर्सिंग स्कूल चल रहे हैं. चार नए नर्सिंग कॉलेज बनने से प्रदेश नर्सिंग हब के रूप में उभरेगा.
पीएम आवास में हरियाणा को होगा फायदा
केंद्रीय बजट में पीएम आवास योजना के बजट में 66 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. इसका सीधा फायदा हरियाणा को होगा. हाउसिंग फॉर ऑल के तहत, हरियाणा सरकार ने 2022- 23 के लिए केंद्र को 20,000 और घरों की मांग भेजी है. इन योजनाओं पर विराम लगाने के लिए इस बार केंद्र सरकार से पर्याप्त बजट मिलेगा. राज्य में 2,48,657 लोगों के लिए घर बनाए जाने हैं.
इनमें से पीएमएवाई-शहरी के तहत, 1,18,016 घरों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. इसमें से 462 करोड़ रुपये की लागत से 12,238 आवास बनाए जा चुके हैं और 15,930 आवास निर्माणाधीन हैं. पीएम आवास (ग्रामीण) के तहत 21,699 घरों के लक्ष्य के मुकाबले 20,922 घरों का निर्माण किया जा चुका है. 750 आवास निर्माणाधीन हैं. बजट मिलने से इस प्रोजेक्ट को गति मिलेगी.
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