चंडीगढ़ । हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्र और राज्य सरकार को कहा है कि उन्हें किसान आंदोलन की गंभीरता को समझना चाहिए. सर्वव्यापी किसान आंदोलन को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों को जल्द से जल्द हरियाणा विधानसभा और संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए. दीपेंद्र हुड्डा लगातार आंदोलनकारी किसानों के बीच जा रहे हैं.उन्होंने रविवार को भी हरियाणा के अलग-अलग टोल प्लाजा पर धरना दे रहे किसानों के बीच जाकर उनका समर्थन किया.
किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही सरकार
चंडीगढ़ में दीपेंद्र हुड्डा ने मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि भारत सरकार पूर्ण रूप से बहरी हो चुकी है. सरकार को लोकतांत्रिक और शांतिपूर्वक तरीके से उठाई जा रही किसानों की आवाजें सुनाई नहीं दे रही है. भारत सरकार किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है. परंतु भारत सरकार को यह बात जान लेनी चाहिए कि वह जितना किसानों की आवाज को दबाएंगी, उसकी गूंज उतनी ही जोर से सुनाई देगी.
सत्र बुलाने में सरकार को है किस बात का डर
दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार देश की संसद व हरियाणा की विधानसभा पर ताले लगाकर बैठी है. न ही विधानसभा और ना ही संसद का सत्र बुलाया जा रहा है. जनप्रतिनिधि होने के नाते हम सभी विधायकों और सांसदों का यह फर्ज बनता है कि वह अपने देश के किसानों की आवाज को सदन में उठाए. परंतु भारत सरकार सदन में चर्चा करने से डर रही है. अब सवाल ये उठता है कि सरकार के पास पूर्ण बहुमत है फिर भी सरकार को किस बात का डर है. दीपेंद्र हुड्डा ने यह भी कहा कि किसान एक देशभक्त वर्ग है. वह मेहनत करके पूरे देश का पेट पालते हैं और उनके बेटे अपनी जान सीमा की रक्षा करते करते दे देते हैं.
दीपेंद्र नहीं मनाएंगे अपना जन्मदिन
दीपेंद्र हुड्डा ने इस वर्ष अपना जन्मदिन ना मनाने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा है कि आज हरियाणा और पूरे देश के किसान इतने कठोर संघर्ष के दौर से गुजर रहे हैं. इतनी कड़कड़ाती ठंड के अंदर किसान खुले आसमान के नीचे हरियाणा के अलग-अलग इलाकों में धरना दे रहे हैं और दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हैं. प्रतिदिन धरना स्थल से किसी ना किसी किसान के दम तोड़ने की सूचना मिल रही है.
दिवंगत किसानों के प्रति सम्मान और श्रद्धांजलि
उन्होंने कहा कि इस स्थिति में हम किसी भी प्रकार का जश्न नहीं मना सकते हैं. इसलिए किसानों के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए और सम्मान प्रकट करते हुए उन्होंने इस वर्ष अपना जन्मदिन ना मनाने का निर्णय लिया है. 4 जनवरी को दीपेंद्र का जन्मदिन है. उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि वह उन्हें बधाई देने ना पहुंचे इसकी बजाय किसानों के बीच पहुंचे.
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