बजट सत्र से पहले बढ़ेगी खट्टर सरकार की मुश्किलें, इन मांगों को लेकर सड़कों पर उतरेंगे रोड़वेजकर्मी

चंडीगढ़ | सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा की खट्टर सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. E टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल को लेकर प्रदेश भर के सरपंचों का विरोध झेल रही सरकार को अब रोड़वेज कर्मचारियों ने घेरने की रणनीति बना ली है. 20 फरवरी से शुरू हो रहें बजट सत्र से पहले रोड़वेज कर्मचारी सड़कों पर उतर कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. विभाग के सभी चालक- परिचालक अपने- अपने डिपो पर ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर धरना देंगे जबकि अन्य मांगों को लेकर 14 फरवरी से प्रदेश स्तरीय आंदोलन का ऐलान कर दिया गया है.

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आज से शुरू करेंगे अभियान

हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के महासचिव सरबत पुनिया ने बताया कि मांगों को लेकर कर्मचारियों को लामबंद करने के लिए आज से अभियान चलाया जाएगा. कर्मचारी सालों से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है. उन्होंने राज्य की विपक्षी पार्टियों से भी कर्मचारियों की मांगों को बजट सत्र में उठाने की मांग की है.

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ये हैं प्रमुख मांगे

  • पुरानी पेंशन स्कीम बहाल की जाएं.
  • चालक और परिचालकों के अर्जित अवकाश (EL) की दोबारा बहाली किए जाने की मांग.
  • रोड़वेज बेड़े में 10 हजार नई बसों को शामिल किया जाए.

OPS की मांग

पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग को लेकर कर्मचारी 25 अप्रैल तक सरकार को अल्टीमेटम दे चुके हैं. वहीं, ओपीएस के मुद्दे पर सीएम मनोहर लाल का कहना है कि कर्मचारियों की यह मांग बिल्कुल नाजायज है. जिन राज्यों ने वोट बैंक के चक्कर में इस स्कीम को लागू किया है वो एक दिन आर्थिक तौर पर बर्बाद हो जाएंगे.

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