नई दिल्ली | अगर आपने होम लोन लिया है तो आरबीआई ने आपको एक बार फिर झटका दिया है. महंगे कर्ज का बोझ आपकी जेब पर फिर से बढ़ गया है. रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट यानी 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है. अब बैंक उनके होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन की ब्याज दरें भी बढ़ाएंगे. यह लगातार छठी बार है जब रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. इससे पहले आरबीआई मौद्रिक नीति की बैठकों के बाद 2022 में रेपो रेट में 5 बार बढ़ोतरी कर चुका है. 10 महीने में आरबीआई ने रेपो रेट को 4% से बढ़ाकर 6.50% कर दिया है.
आरबीआई के फैसले के बाद बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां होम लोन की ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेंगी. इससे आपके लोन की ईएमआई भी महंगी हो जाएगी. रेपो रेट लिंक्ड होम लोन पर मौजूदा ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी होगी.
25 लाख रुपये के होम लोन पर इतनी बढ़ेगी ईएमआई
मान लीजिए एसबीआई से 25 लाख रुपये का होम लोन 20 साल के लिए लिया जाता है. इस पर बैंक ने 8.60 फीसदी ब्याज मांगा. इस हिसाब से आपकी ईएमआई 21,854 रुपये होगी. अब समझिए आज के ऐलान के बाद क्या बदलेगा. रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की गई है. अब ब्याज 8.85% होगा. ईएमआई 22,253 रुपये होगी. यानी 399 रुपये ज्यादा ईएमआई चुकानी होगी. पूरे साल की ईएमआई पर आपको 4,788 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे.
40 लाख रुपये के होम लोन पर कितनी बढ़ेगी ईएमआई?
अब 40 लाख रुपए के घर पर हिसाब समझते हैं. 20 साल का कार्यकाल होता है. ब्याज दर 8.60% है. फिलहाल ईएमआई 34,967 रुपये होगी. लेकिन रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद ब्याज दर में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी होगी. यानी 8.85% से ब्याज देना होगा. इस पर ईएमआई 35,604 रुपये होगी. यानी हर महीने 637 रुपए ज्यादा देने होंगे. वहीं सालाना ईएमआई पर 7,644 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे.
50 लाख के होम लोन पर कितनी बढ़ेगी ईएमआई?
अब 50 लाख रुपये के होम लोन पर कैलकुलेशन समझें. 50 लाख 20 साल के लिए 8.60% पर लिया जाता है. आपकी ईएमआई 43,708 रुपये होगी. लेकिन आरबीआई के रेपो रेट बढ़ने के बाद ब्याज दर बढ़कर 8.85% हो जाएगी. ऐसे में ईएमआई 44505 रुपये होगी. अब हर महीने ईएमआई में 797 रुपये की बढ़ोतरी होगी. सालाना ईएमआई में 9564 रुपये का अंतर होगा.
महंगी ईएमआई से भी राहत मिलने की उम्मीद
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का मानना है कि आने वाले सीजन में अर्थव्यवस्था और महंगाई के लिए कुछ अच्छे संकेत हैं. इससे संकेत मिलता है कि आगामी मौद्रिक नीति में ब्याज दरों को स्थिर रखा जा सकता है. साथ ही अगर अगली दो तिमाहियां ठीक रहती हैं तो ब्याज दरों को भी नीचे लाया जा सकता है. आरबीआई का मानना है कि खुदरा महंगाई दर में कमी आएगी. उन्होंने अगले वित्त वर्ष में महंगाई दर को 5.3 फीसदी के करीब लाने का लक्ष्य रखा है. अगर ऐसा होता है तो आने वाले महीनों में ईएमआई में कुछ राहत संभव है.
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