ज्योतिष | सोमवार 13 फरवरी को कुंभ सक्रांति है. इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है. ज्योतिष में सूर्य देव को विशेष स्थान प्राप्त है. सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उसे सक्रांति कहा जाता है. सोमवार को सूर्य ग्रह मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं. इस पर्व पर सूर्य को जल चढ़ा कर आप दिन की शुरुआत कर सकते हैं. संक्रांति का महत्व एक पर्व की तरह ही है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, तीर्थ, दर्शन दान- पुण्य करने की परंपरा भी काफी पुराने समय से चली आ रही है.
कल सूर्य देव करेंगे कुंभ राशि में प्रवेश
अधिकतर लोग आज भी इस परंपरा का पालन करते हैं. इसी वजह से इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु यमुना, गंगा, गोदावरी आदि नदियों में स्नान करने के लिए पहुंचते हैं. सोमवार को कुंभ सक्रांति का योग होने से इस दिन सूर्य के साथ शिवजी और चंद्र देव की भी विशेष पूजा की जाती है. सक्रांति सूर्य का पर्व है. सोमवार का कारक चंद्र ग्रह है और इस दिन शिव आराधना करने की भी परंपरा है. इसी वजह से तीनों देवताओं की पूजा करने से कुंडली के सभी ग्रह दोष शांत हो सकते हैं.
सुबह जल्दी उठकर करें पूजा
इस दिन पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठे और स्नान करने के बाद तांबे के लोटे में जल भरे. जल में कुमकुम, चावल और फूल डालकर ओम सूर्याय नमः मंत्र का जप करते हुए सूर्य को जल चढ़ाएं. एक बात का विशेष ध्यान रखना है कि जल चढ़ाते समय सूर्य को सीधे नहीं देखना चाहिए, लोटे से गिरती जल की धारा में सूर्य देव के दर्शन करने चाहिए.
जल चढ़ाते समय जल ऐसे स्थान पर गिरे, जहां पानी पर किसी के पैर ना लगे. वहीं, शिवलिंग का भी जलाभिषेक करें, चंदन से तिलक करें. शिवजी को बेलपत्र चढ़ाएं. मिठाई का भोग लगाए, ओम शिवाय नमः मंत्र का जप करें.
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