नई दिल्ली | हिंदुस्तान के हिस्से में एक बहुत बड़ी खुशखबरी आई है. यहां जम्मू के रियासी जिले में एक अचूक खजाने का भंडार मिला है जो देश के भविष्य को बदलने की रूपरेखा तैयार करेगा. माता वैष्णोदेवी मंदिर के बेहद ही नजदीक एक गांव सलाल हेमना में लिथियम का भंडार मिला है.
बता दें कि लिथियम एक ऐसा रासायनिक तत्व है जिसका इस्तेमाल मोबाइल, लैपटॉप, इलेक्ट्रिक वाहनों समेत कई चीजों के लिए चार्जेबल बैटरी बनाने के लिए किया जाता है. अभी तक भारत इसे बड़े पैमाने पर विदेशों से मंगाता है, जिसके चलते चार्जेबल बैटरी बनाने में बहुत अधिक खर्च हो रहा है. ऐसे में देश में लिथियम का अचूक भंडार मिलने से पूरे हिन्दुस्तान की तस्वीर बदल सकती है. इस जानकारी के सामने आने के बाद दुनिया के कई देश हिंदुस्तान की तरफ टकटकी लगाए बैठे हैं.
भारत में पहली बार जम्मू के रियासी जिले के सलाल हेमना गांव में लिथियम का भंडार पाया गया है. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने कहा कि उसे पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले सलाल हेमना गांव में 59 लाख टन लिथियम इनफर्ड रिसोर्सेज (जी3) का भंडार मिला है.
सलाल हेमना गांव के 15 किलोमीटर के दायरे में करीब 59 लाख टन लिथियम संसाधन मिलना भारत के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि मोदी सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से बढ़ावा दे रही है और इसके लिए लिथियम बैटरी का उपयोग किया जाता है. जीएसआई ने अब इसे मंजूरी दे दी है और लिथियम का भंडार मिलने के बाद इसे नीलामी के लिए ले जाया जाएगा.
वहीं, अचूक खजाने का भंडार मिलने पर ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा है. लिथियम का भंडार मिलने के बाद से इस तरह रियासी के लोग सोने की धरती पर चल रहे हैं. यहां 15 किलोमीटर के दायरे में न केवल लिथियम, बल्कि गोल्ड रिजर्व भी मिला है. इससे रियासी के लोगों का भविष्य बदलने वाला है.
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