चंडीगढ़ | पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली का विरोध कर रहे सरपंचों को दो टूक है. मंत्री ने कहा कि अगर सरपंच अपने काम पर नहीं लोटेंगे और विरोध बंद नही किया तो प्रस्ताव पारित कर मेजोरिटी वाले पंचों को पावर दे दी जाएगी. इसके बाद, आगे से पंच गावों में काम करवाएंगे. वहीं, पंचों से कहा कि ‘मेजोरिटी करो साबित और गावों में करवाओ काम……
आगे कहा कि सरपंचों को समझाने की जगह उन्हें उकसाने का काम जोगीराम सिहाग कर रहे है. हमने ईमानदारी की स्प्रे छिड़कनी शुरू कर दी है, इससे हम करप्शन की दीमक का सफाया कर देंगे जो सरपंच नहीं माने उन्हें हटाकर सारे अधिकार पंचों को देकर भी पंचायतें सरकार चलवा सकती है.
सरपंचों ने की आंदोलन की घोषणा
हरियाणा में सरपंच ई-टेंडरिंग को लेकर बड़े प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं. हरियाणा सरपंच एसोसिएशन ने इसके खिलाफ 20 फरवरी को प्रदेशभर में जुलूस निकालने की चेतावनी जारी की है. इसके साथ ही एक मार्च को सीएम आवास का घेराव करने का ऐलान किया है. ई-टेंडरिंग में परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) अनिवार्य किए जाने के फैसले पर सरपंच एसोसिएशन ने भी कड़ी आपत्ति जताई है. एसोसिएशन के अध्यक्ष रणबीर समन ने कहा कि राइट टू रिकॉल का नियम आम आदमी पर लागू नहीं होना चाहिए सबसे पहले इसे सांसदों और विधायकों पर लागू होना चाहिए.
एमडीयू में सरपंच लिए गए हिरासत में
हाल ही में ई टेंडरिंग को लेकर आंदोलनरत सरपंचों ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय पहुंचे मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यक्रम का विरोध करने पहुंचे थे जहां पुलिस ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के गेट नंबर 2 के बाहर सरपंचों को रोक दिया और सीएम खट्टर के आने से पहले ही सभी को हिरासत में ले लिया.
फिलहाल सरपंचों का कहना है कि वे अपनी बात मुख्यमंत्री के सामने रखना चाहते थे, लेकिन सरकार उन्हें हिरासत में लेकर तानाशाही रवैया अपना रही है. जिसे सरपंच किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे और उनका आंदोलन इसी तरह जारी रहेगा. मौके पर पहुंचे सरपंचों ने कहा कि वह मुख्यमंत्री से मिलने नहीं बल्कि विरोध करने आया थे. इसलिए करीब 40 सरपंचों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.
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