नई दिल्ली | आज सरकार और किसान संगठनों के बीच आठवे दौर की बातचीत होने वाली है. इससे पहले भी 7 बार ऐसी बैठक हो चुकी है. जिनका कोई नतीजा नहीं निकला. बता दे कि किसानों द्वारा नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है. लगातार किसानों द्वारा नए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की जा रही है. अपनी इसी मांग को लेकर किसानोंं द्वारा ट्रैक्टर रैलियां भी निकाली गई. जबकि केंद्र सरकार द्वारा इस बात पर जोर दिया गया कि कानून को वापस लेने के अलावा, सरकार हर प्रस्ताव पर विचार करने के लिए तैयार है.
कुछ राज्यों को किया जा सकता है केंद्रीय कृषि कानूनों के दायरे से बाहर
केंद्र और किसान दोनों पक्षों द्वारा गतिरोध दूर करने के प्रयास किए जा रही हैं. इसी बीच ऐसा भी सुनने में आया है कि कुछ राज्यों को केंद्रीय कृषि कानूनों के दायरे से बाहर निकलने की अनुमति दी जा सकती है. लेकिन किसान संगठन अपनी बात पर अड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव उन्हें सरकार की तरफ से नहीं मिला है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी इस प्रकार के किसी प्रस्ताव को दिए जाने की बात से इनकार किया है.
आज होने वाली अहम बैठक के बारे में
तोमर,खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश 40 प्रदर्शनकारियों सहित किसान संगठन नेताओं के साथ सरकार की ओर से बातचीत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. आठवें दौर की बातचीत आज दोपहर तकरीबन 2:00 बजे विज्ञान भवन में होगी. इससे पहले 4 जनवरी को अंतिम बैठक हुई थी,जोकि बेनतीजा साबित हुई. सरकार द्वारा 30 जनवरी को छठे दौर की बातचीत में किसानों की बिजली सब्सिडी और पराली जलाने से संबंधित दो मांगों को मान लिया गया था. इससे पहले जितनी भी दौर की बातें हुई है उनमें किसी में भी सफलता नहीं मिल पाई है.
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