करनाल | हरियाणा के जिला करनाल के कैमला गांव में बसताड़ा टोल प्लाजा पर बैठे किसान लागू किए गए नए तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में प्रदर्शन कर रहे है. ऐसे में अब किसान और कैमला गांव के लोग बीते गुरुवार को कैमला गांव में आमने- सामने हो गए . हालांकि, अब जनवरी माह की 10 तारीख़ को कैमला गांव में हरियाणा के सी एम श्री मनोहर लाल खट्टर ने किसान महापंचायत कार्यक्रम का आयोजन किया है जिसका अब किसान आंदोलन पर बैठे किसानो द्वारा जम कर विरोध किया जा हैं. ऐसे में अब इस आंदोलन पर बैठे किसान इस जगह का घेराव करने की इच्छा प्रकट करते हुए नज़र आ रहे हैं, अपितु वहीं दूसरी ओर इस गांव के लोगों ने बीते शुक्रवार को इन सभी प्रदर्शन करने वाले किसानों को आगे बढ़ने से रोक दिया है.
प्रशासन को चकमा देकर कैमला गांव के नजदीक पहुंचे किसान
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (CM MANOHAR LAL KHATTAR) 10 जनवरी को किसान महापंचायत का आयोजन करने जा रहे हैं, इसका विरोध करते हुए आज किसानों ने साफ़ तौर पर ऐलान करते हुए आह्वान किया था कि इस कार्यक्रम के संयोजक और घरौंडा से बीजेपी के विधायक हरविंदर कल्याण के घर का घेराव हमारे द्वारा किया जाएगा, ऐसे में वहां पर पुलिस ने काफी कड़ा बंदोबस्त कर दिया था, परंतु किसानों ने प्रशासन को चकमा दिया और फिर कैमला गांव की ओर अपना रास्ता बदल लिया.
कैमला गांव में प्रवेश के बाद भी किसान नहीं बढ़ पाए आगे की ओर
यहां देखने लायक स्थिति यह बनी कि किसान अभी कैमला गांव में पहुंचे ही थे कि वहां के रहने वाले स्थानीय लोगों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया. थोड़े ही समय के भीतर यह माहौल गर्म हो गया. अब किसान हर हाल में आगे बढ़ना चाहते थे और निर्धारित की गई उस जगह तक पहुंचना चाहते थे जहां पर मुख्यमंत्री का कार्यक्रम आयोजित होने वाला है, परंतु कैमला गांव के लोगों ने उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया. ऐसे में दोनों ओर से जमकर नारेबाजी हुई और फिर बाद में भी किसानों को आगे बढ़ने नहीं दिया और वहां से किसानो को निराश होकर शांतिपूर्ण तरीके से वापिस लौटना पड़ा.
किसान संगठनों के विरोध के चलते टकराव की स्थिति, फिर भी पीछे नहीं हटेगी सरकार
काफी दिनों से चल रहे किसान आंदोलन के चलते इतने दिन पहले ही सीआइडी ने एक रूप रेखा भी जारी की थी, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि सांसद व विधायक और मंत्री बिना एसपी व डीसी के संज्ञान के फील्ड की ओर रूख करते हुए, किसी भी हालत में रवाना न हो. ऐसे निर्देश इसलिए जारी किए गए क्योंकि उनके साथ अभद्र व्यवहार होने की आशंका लगातार जताई गई है.
इसके बाद अब केंद्र सरकार में सत्ता कर रही भाजपा सरकार किसी भी हालत में पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में अब चारों ओर से केंद्र सरकार किसानों को इस मामले पर संवाद कर समझाने की कोशिश करते हुए नज़र आ रही है.
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