चंडीगढ़ | प्रदेश में कार्यरत करीब 50 हजार कच्चे कर्मचारियों को हरियाणा सरकार जल्द ही स्थायी करके उन्हें बहुत बड़ी सौगात देने के बारे में सोच रही है. स्थायी होने के लिए लम्बे समय से संघर्ष कर रहे इन कर्मचारियों को आशा की किरण नजर आने लगी है. क्योंकि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट सहित विभिन्न अदालतों में याचिका लगाने वाले स्वीकृत पदों पर काम कर रहे इन कर्मचारियों का पूरा ब्योरा सरकार ने सम्बंधित विभागों से मांगा है.
प्रदेश के महाधिवक्ता को इसके बारे में रिपोर्ट सौंपने हेतु अदालत में लम्बित इन कर्मचारियों के स्थायी होने सम्बन्धी याचिकाओं पर विचार- विमर्श करने के लिए सभी सम्बंधित विभागध्यक्षयों की बैठक बुलाई गई है. वैसे तो आउटसोर्सिंग पॉलिसी- 2 के तहत लगे इन कर्मचारियों को समान काम के बदले समान वेतन देने का फैसला सरकार पहले ही ले चुकी है तथा हर छ माही पर महंगाई भत्ता देने का प्रावधान भी किया गया है. जो प्रदेश के किसी सरकारी कार्यालयों या बोर्ड व निगमों में कार्यरत हैं. इसके अलावा शिक्षा विभाग में 10 वर्ष से कार्य कर रहे अध्यापकों व अन्य कर्मचारियों को पक्का करने की राहत पहले ही मिल चुकी है.
जिसके बाद अन्य विभागों के कर्मचारी भी अपनी सेवा के नियमितीकरण को लेकर सरकार से आये दिन माँग कर रहे थे. जिस पर विचार- विमर्श करते हुए सरकार ने उनकी मांग पर कार्य करना शुरू कर दिया है. जिसके फलस्वरूप इन विभागों में कार्यरत लगभग 50000 कर्मचारियों को अपने रोजगार स्थायित्व की उम्मीद जगी है जिससे सबमें खुशी की लहर है, क्योंकि अब उन्हें यह विश्वास है कि सरकार उनके हितों की अनदेखी न करते हुए उनके प्रति न्यायपूर्ण रवैया अपनाएगी तथा उन्हें स्थायी नौकरी की सौगात अवश्य देगी.
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