करनाल | हरियाणा के कई जिलों में शीत लहर के चलने से और कड़कड़ाती ठंड की वजह से लोग बहुत परेशान हैं. रविवार को करनाल जिले में अधिकतम टेंपरेचर और न्यूनतम टेंपरेचर में गिरावट हुई है. अधिकतम तापमान 19.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. दूसरी ओर न्यूनतम टेंपरेचर में गिरावट के साथ 8.0 डिग्री सेल्सियस वैल्यू दर्ज की गई. वातावरण में सुबह के समय नमी की मात्रा 95% दर्ज की गई. करनाल में 3.2 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चली. यह हवाएं शीत लहर में बदल गई.
अगले 24 घंटे में चल सकती है शीतलहर
कुछ दिनों पहले हुई भारी बरसात की वजह से अब ठंड ने यू-टर्न ले लिया है. जिले में ठंड ने रविवार के दिन भी लोगों की कंपकंपी छुड़ा दी. वैसे तो छुट्टी होने की वजह से सड़कों पर ज्यादा चहल-पहल नहीं दिखाई दी. परंतु अपने घर से जरूरी कामों के लिए निकले लोग ठिठुरते हुए दिखाई दिए. हरियाणा मौसम विभाग के अनुसार आने वाले 24 घंटों में शीत लहर परेशान कर सकती है. लेकिन मौसम साफ रहेगा. ठंड अपने चरम सीमा पर पहुंचेगी.
जिले में गेहूं की फसल को होगा बहुत अधिक लाभ
हरियाणा मौसम विभाग के अनुसार मध्य भारत और उत्तर पश्चिमी भारत के कुछ भागों में न्यूनतम टेंपरेचर में 2-3 डिग्री सेल्सियस तक की कमी आने की संभावना है. कुछ क्षेत्रों में शीतलहर जैसी परिस्थितियां दोबारा से पैदा हो सकती हैं. इस बार करनाल जिले में गेहूं की फसल की बुवाई 1.72 लाख हेक्टेयर भूमि पर की गई है. ठंड भी अच्छी हो रही है. ऐसे में ठंड का यह मौसम गेहूं की फसल के लिए एक वरदान के रूप में सिद्ध हो सकता है. गेहूं की फसल को ठंड में बहुत अच्छी ग्रोथ मिलेगी. परंतु ठंड गिरे और काफी लंबे समय तक चले यह भी देखने वाली बात है.
कुछ फसलों के लिए अच्छी तो कुछ के लिए बुरी है यह सर्दी
यदि इस प्रकार ही कड़कड़ाती ठंड पड़ती रही तो इस बार गेहूं का उत्पादन काफी फीसदी बढ़ सकता है. बहुत बार ऐसा देखने को मिला है कि जब भी ठंड का मौसम लंबा चलता है तो गेहूं के उत्पादन में भी काफी बढ़ोतरी होती है. परंतु अन्य फसलें जैसे सब्जियां विशेषकर टमाटर और आलू की फसलों के लिए यह सर्दी का मौसम बहुत अधिक नुकसानदायक है. ऐसे समय में किसानों को समय-समय पर हल्की हल्की सिंचाई करनी चाहिए.
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