नई दिल्ली | रिलायंस रिटेल अब जल्द ही अपनी स्ट्रेटजी में बड़ा बदलाव करने जा रही है. कंपनी ने अब साफ तौर पर कह दिया है कि वह अब से अपने जियो मार्ट प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों को पैकेज्ड फूड, ग्रॉसरी और एफएमसीजी प्रोडक्ट (FMCG Products) नहीं बेचेगी. इस तरह के तरीके को अब उनके द्वारा पीछे छोड़ दिया गया है और अब वे ग्राहक के पड़ोस में उपलब्ध किराना दुकान से सांठगांठ करेगी और वहीं पर अपना सामान भिजवा देगी. इसमें ख़ास यह होगा कि ये दुकानें रिलायंस रिटेल की फ्रैंचाइजी पार्टनर होंगी.
बिग बास्केट, अमेजन और ग्रोफर से अलग बन गई रिलायंस रिटेल की स्ट्रेटजी
रिलायंस की यह स्ट्रेटजी बिग बास्केट, अमेजन और ग्रोफर जैसी बड़ी ई -ग्रॉसरी कंपनियों से अब काफी हद तक अलग हो गई है. रिलायंस रिटेल की इस स्ट्रेटजी के मुताबिक पड़ोस में उपलब्ध किराना दुकान रिलायंस या फ़िर दूसरे स्टोर से सामान लेकर कंज्यूमर यानी उपभोक्ता को सप्लाई करेंगे. ऐसे में अगर कंज्यूमर ऐसे किसी सामान की डिमांड करता है जो किराना स्टोर के पास नहीं है तो ऐसी स्थिति मे रिलायंस रिटेल उन्हें सामान की सप्लाई करेगी और फ़िर अंत में इस मार्जिन को दोनों में बराबर बांट दिया जाएगा. दरअसल, रिलायंस अपने स्टोर और फुलफिलमेंट स्टोर यानी उपभोक्ता की जरूरत के अनुसार ही फल व सब्जी आदि जैसी दूसरी जल्दी खराब होने वाली चीजें की बिक्री करने के लिए इस प्रकार की स्ट्रैटेजी को अपनाने जा रहा है.
बिजनेस टु बिजनेस कैश एंड कैरी स्टोर फॉरमेट होगा बंद
रिलायंस ने अपने बिजनेस टु बिजनेस कैश एंड कैरी स्टोर फॉरमेट को बंद करने के लिए हाल ही में एक नई योजना का निर्माण किया है. ऐसे में रिलायंस मार्केट (Relience Market) किराना को बिजनेस टु बिजनेस डिलीवरी के लिए फुलफिलमेंट सेंटर की तर्ज पर काम कर सकती है. जारी की गई इस नई स्ट्रैटेजी के दिशा निर्देशों के अनुसार अब ग्राहकों को यह सुविधा दी गई है कि वे अपने पास उपलब्ध किराना दुकान इस पर जा कर अपना ऑनलाइन ऑर्डर बुक कर सकते हैं. ऐसे में ऑर्डर को उनकी पास वाली दुकानों पर डिलीवर हो जाएंगे.
30 शहरों में ही शुरू होगी नई योजना
जियो मार्ट ने हाल ही में लॉन्च किए गए अपने इस नए मॉडल के अन्तर्गत किराना की तरफ़ से कंज्यूमर को सामान डिलीवर करने की पहल जून तिमाही में शुरू करने का ऐलान कर दिया है. साथ ही साथ स्पष्ट शब्दों में यह भी कहा गया है कि पहले यह योजना केवल 30 शहरों में ही शुरू होगी. इसके अन्तर्गत कुल 56 हजार किराना दुकानों ने साइन-इन (sign in) किया है. रिलायंस की यह स्ट्रेटजी बिग बास्केट, अमेजन और ग्रोफर आदि जैसी बड़ी ई- ग्रॉसरी कंपनियों से पूरी तरह से अलग साबित हो सकती है.
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