हरियाणा पुलिस में चयनित सैकड़ों कांस्टेबलों पर लटकी तलवार, कई लोगो की जा सकती है नौकरी

चंडीगढ़ | पुलिस के पदों पर चुने गए सैकड़ों कांस्टेबलों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है. मार्च 2019 में हरियाणा पुलिस में नियुक्त करीबन 5,000 कांस्टेबलों की पूरी चयन सूची में अब संशोधन किया जाएगा. सामाजिक- आर्थिक मानदंडों के तहत, गलत माध्यम से  दिए गए अंक काट कर नए सिरे से रिजल्ट तैयार किया जाएगा.

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इस पूरी प्रक्रिया से रिजल्ट पूरी तरह से बदल जाएगा. इससे काफी संख्या में चयनित उम्मीदवार नौकरी से बाहर हो सकते हैं और असफल युवा चयन सूची में शामिल हो सकते है.

 जारी होगा संशोधित परिणाम

हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने हाई कोर्ट को बताया कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की तरफ से पूरे परिणाम की फिर से जांच की जाएगी ताकि पता लग पाए कि कितने उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने गलत तरीके से 5 अंक हासिल किए हैं. संशोधित परिणाम जारी होने के बाद बड़ा उलटफेर हो सकता है. संभावित है कि सैकड़ों पुलिस उम्मीदवार जिन्होंने अपनी ट्रेनिंग भी पूरी कर ली है और 4 सालों से नौकरी कर रहे हैं चयन सूची से बाहर हो सकते हैं.

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5 अंकों का लाभ न मिलने पर दायर की गई याचिका

इस मामले में भिवानी निवासी सोमवीर और अन्य ने याचिका दाखिल करते हुए कांस्टेबल पद पर नियुक्ति को चुनौती दी है. याचिका में बताया गया कि उन्हें माता- पिता की मृत्यु के आधार पर मिलने वाले अतिरिक्त पांच अंकों का लाभ उन्हें नहीं दिया गया. वह इन पांच अंकों के लिए योग्य भी थे लेकिन पिक एंड चूज की नीति अपनाते हुए आयोग ने यह फैसला किया.

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हाई कोर्ट ने किसी भी उम्मीदवार को हटाने पर लगाई रोक

हालांकि, हाई कोर्ट ने सरकार को अगले आदेश तक किसी भी चयनित उम्मीदवार को हटाने पर रोक लगा दी है. जब यह मामला बुधवार को हाई कोर्ट की जस्टिस जयश्री ठाकुर की बेंच के सामने सुनवाई के लिए पहुंचा तो एडवोकेट जनरल ने कहा कि सभी श्रेणियों में सफल अभ्यर्थियों में से 93 उम्मीदवार हैं जिन्हें पिता की मृत्यु के होने के आधार पर सामाजिक आर्थिक मानदंड के तहत पांच अंक गलत तरीके से दिए गए हैं.

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हाई कोर्ट की तरफ से  एचएसएससी के अध्यक्ष भोपाल सिंह खदरी और सचिव विराट के अदालत में पेश नहीं होने पर दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था तथा उन्हें कोर्ट में पेश होने के ऑर्डर दिए गए थे. बुधवार को भोपाल सिंह खदरी हाई कोर्ट में पेश हुए.

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