चंडीगढ़ | हरियाणा के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली निगम ने बड़ा झटका दिया है. बिजली निगम के नए आदेशानुसार उपभोक्ताओं को अपने दो बिलों (4 महीने) के बराबर अग्रिम राशि अग्रिम उर्जा शुल्क (एसीडी) के रूप में जमा करवानी होगी. निगमों द्वारा नए बिलों में इस राशि को जोड़कर भेजा जा रहा है. इस फैसले से करीब 76 लाख उपभोक्ता प्रभावित होंगे.
बता दें कि उत्तर और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने 2019 में यह फैसला लिया था. इससे पहले एसीडी के रूप में एक बिल के बराबर की राशि जमा कराई जाती थी लेकिन साल 2020 में COVID-19 महामारी के चलते यह फैसला लागू नहीं हो पाया था. अब परिस्थितियां सामान्य होने पर निगमों ने तीन साल पहले लिए गए इस फैसले को लागू कर दिया है.
ऐसे जमा करवानी होगी राशि
घरेलू उपभोक्ताओं को 6 किश्तों में यह राशि देनी होगी जबकि कमर्शियल उपभोक्ताओं को यह राशि तीन किश्तों में बिल के साथ जमा करानी होगी. दो महीने के बिल के बराबर की राशि की किश्त बनाकर संबंधित उपभोक्ताओं के बिलों में जोड़कर भेजी जा रही है. ऐसे में बढ़े हुए बिलों को देखकर उपभोक्ताओं के पसीने छूट रहे हैं.
इसलिए लिया गया फैसला
यूं तो बिजली कनेक्शन लेते समय ही यह राशि जमा करवाई जाती है लेकिन वर्तमान में कई ऐसे उपभोक्ता हैं जिन्होंने लंबे समय से एसीडी जमा नहीं करवाई है. समीक्षा के बाद बिजली निगम के सामने आया कि बहुत से उपभोक्ताओं ने जब बिजली बिल जमा करवाना बंद कर दिया तो निगमों के पास उपभोक्ताओं की कोई एडवांस राशि जमा नहीं पाई गई.
ऐसे में निगम ने फैसला लिया है कि अगर कोई समय पर बिजली बिल जमा नहीं करवाता है तो निगम के पास पहले से उसके दो बिलों की राशि जमा होगी और उससे बिल काट लिया जाएगा. इसके बाद, उपभोक्ता का बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा.
औसत के आधार पर तय की गई एसीडी
सभी उपभोक्ताओं के पूरे साल के बिजली बिल का आंकलन किया गया है और बाद में उसके दो महीने के बिल का औसत निकाला गया है. इसी औसत राशि के आधार पर एसीडी निकाला गया है. बिजली निगमों के चेयरमैन पीके दास ने बताया कि यह पहले का फैसला था लेकिन इसे लागू अब किया जा रहा है.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!