चंडीगढ़ | हरियाणा की ग्राम पंचायत संस्थाओं में पिछले कार्यकाल के दौरान हुई गड़बड़ियों को लेकर शिकंजा कसना शुरू हो गया है. विकास एवं पंचायत विभाग की विजिलेंस टीम की गबन और गड़बड़ी को लेकर जांच शुरू हुई है तो प्रदेश के 1,490 पूर्व सरपंच रडार पर आ गए हैं. करोड़ों रुपए के गबन की जांच के मामले में सरपंच ही नहीं बल्कि पंचायती राज संस्थाओं के निचले स्तर से लेकर अन्य अधिकारी भी संलिप्त बताए जा रहे हैं. ऐसे में विजिलेंस विभाग की जांच तेजी से आगे बढ़ी है तो इन सबके पसीने छूटने शुरू हो गए हैं.
विकास एवं पंचायत विभाग की विजिलेंस टीम ने गबन के जो आंकड़े पेश किए हैं उनमें सबसे ज्यादा नूंह जिले में 164 और करनाल जिले की 94 पूर्व ग्राम पंचायतें शामिल हैं. सबसे कम गड़बड़झाले के मामले गुरुग्राम से 27 और पंचकूला से 14 सामने आए हैं. शिकायतों की समीक्षा में सामने आया है कि पूर्व सरपंचों पर वित्तीय शक्ति के दुरुपयोग करने के आरोप है और इनमें ग्राम सचिव,जेई, एसडीओ से लेकर अन्य अधिकारियों की मिलीभगत पाई गई है.
पूर्व सरपंचों पर ये है आरोप
पूर्व ग्राम पंचायतों पर आरोप है कि उन्होंने निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया है और पैसों का गबन किया है. इसके अलावा, अपने चहेतों को ग्राम पंचायत की जमीन पर कब्जा कराने और बिना काम किए ही राशि का गबन करने समेत कई अन्य आरोप है.
वहीं, कई अन्य शिकायतों में अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं क्योंकि अकेले सरपंच या पंचायत गबन नहीं कर सकतीं हैं. निर्माण कार्यों की गुणवत्ता समेत अन्य कार्यों को जांचने की जिम्मेदारी जेई और पंचायती राज अधिकारियों की होती है, इसलिए इन अधिकारियों तक भी जांच की आग पहुंच गई है.
जिला | शिकायतें |
नूंह | 94 |
करनाल | 84 |
हिसार | 80 |
झज्जर | 84 |
जींद | 83 |
रेवाड़ी | 82 |
पलवल | 82 |
पानीपत | 71 |
कैथल | 61 |
कुरुक्षेत्र | 54 |
महेंद्रगढ़ | 76 |
चरखी दादरी | 71 |
यमुनानगर | 64 |
फरीदाबाद | 56 |
सिरसा | 58 |
सोनीपत | 52 |
फतेहाबाद | 49 |
भिवानी | 46 |
रोहतक | 40 |
गरुग्राम | 27 |
पचकूला | 14 |
पंचायत मंत्री का बयान
पूर्व ग्राम पंचायतों में गबन की जांच मामले पर विचार रखते हुए पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली ने कहा कि विकास एवं पंचायत विभाग की विजिलेंस टीम जांच कर रही है और जो भी दोषी मिलेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
उन्होंने कहा कि पंचायत में पारदर्शिता और विकास कार्यों में गुणवत्ता लाने के लिए हमारी सरकार E टेंडरिंग प्रणाली लेकर आई है. इससे सरपंच विकास कार्यों की निगरानी कर सकेंगे और हर कार्य के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी. मैं फिर सरपंचों से आग्रह करता हूं कि E टेंडरिंग प्रणाली को अपनाएं और जहां भी बदलाव की जरूरत होगी, हम सहयोग करेंगे.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!