नई दिल्ली | देशभर में इलेक्ट्रिक हाइवे को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है और हर कोई जानने को उत्सुक हैं कि आखिर ये इलेक्ट्रिक हाइवे क्या है. मान लीजिए यदि आप घर से गाड़ी लेकर निकलते हैं और उसमें आपको ना तो पेट्रोल- डीजल भरवाने और यहां तक कि उसे चार्ज करने की भी जरूरत नहीं पड़े तो एक पल के लिए आप सोचेंगे कि यह सब कैसे संभव होगा.
ऐसे में हम आपको बता दें कि जल्द ही हिंदुस्तान में आपको इस तरह की सुविधा मिलने जा रही है. हालांकि, संभव है कि इसका लाभ केवल बस या ट्रक जैसे बड़े वाहन ही उठा पाए और ये सब इलेक्ट्रिक हाइवे की बदौलत ही होगा.
हम जिस इलेक्ट्रिक हाइवे का जिक्र कर रहे हैं, उसे आप इलेक्ट्रिक रेलवे ट्रैक की तरह समझ सकते हैं. इलेक्ट्रिक हाइवे के लिए अलग लेन का निर्माण किया जाएगा, जिसके ऊपर बिजली की तारें लगी होंगी जो रास्ते पर भारी वाहनों को बिजली सप्लाई करने का काम करेगी.
ऐसी होगी प्रकिया
इसके अलावा, वाहनों को चार्जिंग देने का एक और तकनीक यह होगी कि सड़क के नीचे ही इलेक्ट्रिक केबल और इलेक्ट्रोमैगनेटिक ट्रांसमिटर्स लगा दिए जाएं. ये इलेक्ट्रोमैगनेटिक फील्ड बनाएंगे और यही ऊर्जा वाहन में लगी एक खास कॉयल द्वारा खींच ली जाएगी जिससे वाहन में लगी बैटरी चार्ज होगी. हिंदुस्तान में बनने वाले इलेक्ट्रिक हाइवे पर इस्तेमाल होने वाली बिजली सौर ऊर्जा से पैदा की जाएगी.
कहां बनेगा हिंदुस्तान का पहला इलेक्ट्रिक हाइवे
केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मार्च 2022 में अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए कहा था कि दिल्ली- जयपुर के बीच इलेक्ट्रिक हाइवे का निर्माण किया जाए. उन्होंने कहा था कि ये एक प्रस्तावित योजना है और इस सिलसिले में एक विदेशी कंपनी से बातचीत जारी है. फिर उसी साल जुलाई में उन्होंने कहा था कि हमारी सरकार दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेसवे पर देश का पहला इलेक्ट्रिक हाइवे बनाने की तैयारी कर रही हैं.
यानि ये एक्सप्रेस- वे दिल्ली से हरियाणा होते हुए राजस्थान पहुंचेगा और इसके लिए एक्सप्रेस- वे पर एक अलग लेन बनाई जाएगी. पहले फेज में इसे पायलट प्रोजेक्ट की तरह शुरू किया जाएगा. गडकरी ने कहा कि ट्रॉली बस की तरह इस रास्ते पर ट्रॉली ट्रक्स चलाए जा सकेंगे. बता दें कि ट्रॉली बस का कॉन्सेप्ट लगभग कोलकाता में चलने वाली ट्राम जैसा होता है जो ओवरहैड वायर से बिजली लेकर परिचालित होती हैं.
क्या होगा फायदा
यदि सौर ऊर्जा संचालित इलेक्ट्रिक हाइवे का निर्माण सरकार करती है तो सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि देश की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता बहुत हद तक कम हो जाएगी. पेट्रोलियम पदार्थों पर होने वाले खर्चे में भारी कमी देखने को मिल सकती है. इसके अलावा प्रदुषण भी कम होगा.
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