जींद | हरियाणा के जींद जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है. यहां थुआ और गांगोली दोनों गांवों के सरपंचों को सरपंची से हाथ धोना पड़ सकता है. ग्रामीणों द्वारा शिकायत के बाद जिला उपायुक्त ने कई गांवों के सरपंचों के दस्तावेजों की जांच के आदेश संबंधित SDM को दिए थे, जिसके बाद इन दोनों गांवों के सरपंचों की मार्कशीट फर्जी पाई गई है. पंचायती विभाग ने दोनों सरपंचों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
DC ऑफिस में की थी शिकायत
बता दें कि पिछले साल 2 नवंबर को पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव सम्पन्न हुए थे. ऐसे में जिले के कई नवनिर्वाचित सरपंचों के दस्तावेजों के फर्जी होने की आंशका जताते हुए डीसी ऑफिस में शिकायत दी गई थी. इसके बाद, डीसी ने संबंधित एसडीएम को जांच के आदेश दिए थे. जिन गांवों के सरपंचों को लेकर शिकायतें दर्ज हुई थी, वहां अब जांच तेजी से आगे बढ़ रही है.
मान्यता प्राप्त नहीं है बोर्ड
थुआ गांव के लोगों ने डीसी को दी शिकायत में कहा था कि नवनिर्वाचित सरपंच राजेश की कक्षा दसवीं की मार्कशीट फर्जी है. सरपंच राजेश ने अपनी दसवीं कक्षा पंजाब शिक्षा बोर्ड से उत्तीर्ण दिखाई है जबकि पंजाब शिक्षा बोर्ड से जानकारी में यह सामने आया है कि उनके बोर्ड से राजेश ने जो प्रमाण पत्र बनवा रखा है, वह मान्य नहीं है. शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि पंजाब बोर्ड ने उन्हें यह जानकारी लिखकर दी है.
वहीं, गांगोली गांव के नवनिर्वाचित सरपंच कृष्ण के खिलाफ दी गई शिकायत में कहा गया है कि कृष्ण द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद से 10वीं कक्षा पास का प्रमाण पत्र दिया गया है जबकि उन्होंने इसकी जांच करवाई तो उत्तर प्रदेश में प्रयागराज से बोर्ड सचिव द्वारा जो जवाब दिया गया है, उसमें यह परिषद मान्यता प्राप्त नहीं है. इसका सबूत भी डीसी के सामने पेश किया जा चुका है.
सुनवाई के बाद अंतिम फैसला
शिकायतकर्ताओं ने चुनाव आयोग के अलावा BDPO, DDPO और डीसी के सामने सबूत के साथ शिकायत दर्ज करवाई थी. अब एसडीएम की जांच में भी सरपंचों के दस्तावेज फर्जी निकले हैं. ऐसे में दोनों सरपंचों को नोटिस जारी किए गए हैं और इस पर सुनवाई के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
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