120 सालों के बाद पहली बार होगा 2 दिन होलिका दहन, इस दिन जरुर करे यह उपाय

ज्योतिष | 120 सालों के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है जब भारत में होलिका दहन 2 दिन होगा. बता दें कि प्रदोष व्यापिनी फाल्गुन पूर्णिमा में होलिका दहन किया जाता है. अबकी बार पूर्णिमा 6 मार्च को शुरू होकर 7 मार्च तक रहने वाली है, इसी वजह से अबकी बार भारत में दो दिन होलिका दहन किया जाएगा.

holika dahan

भारत में 6 मार्च को जहां सूर्यअस्त 6:09 के बाद होगा वहां होलिका दहन 6 मार्च को होगा. वहीं, जहां सूर्य अस्त 6:09 से पहले होगा वहां होलिका दहन 7 मार्च को किया जाएगा. बता दें कि भारत सरकार का राष्ट्रीय पंचांग भी इस बात की पुष्टि कर रहा है. प्रसिद्ध ज्योतिषी व श्री श्याम मंदिर फतेहाबाद के पुजारी श्रीनिवास शास्त्री के अनुसार, प्रदोष व्यापिनी फाल्गुनी पूर्णिमा में होलिका दहन किया जाता है.

अबकी बार पूर्णिमा तिथि 6 मार्च को 4:17 से शुरू हो रही है जो 7 मार्च को शाम 6:09 तक रहने वाली है. राजस्थान में 7 मार्च को सूर्य अस्त के पूर्व ही पूर्णिमा समाप्त हो जाएगी, इसी वजह से प्रदोष काल में पूर्णिमा का अभाव रहेगा जबकि 6 मार्च को पूर्णिमा संपूर्ण प्रदोष काल में व्याप्त रहेगी. इस वजह से राजस्थान में होलिका दहन 6 मार्च यानि आज तथा 7 मार्च को फाग का अवकाश घोषित किया गयाहै.

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इन राज्यों में आज होगा होलिका दहन

दिल्ली, दक्षिण हरियाणा, पंजाब, गुजरात, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल सहित ये वे स्थान है जहां सूर्य अस्त 6:09 के बाद होगा, इसी वजह से यहां आज ही होलिका दहन किया जाएगा.

इन राज्यों में कल होगा होलिका दहन

दूसरी तरफ पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, उत्तर हरियाणा, उत्तर पूर्वी छत्तीसगढ़, बिहार, उड़ीसा में सूर्य अस्त 6:09 से पहले हो रहा है जिस वजह से यहां पर 7 मार्च को होलिका दहन का पर्व मनाया जाएगा.

इन ग्रहों का बन रहा विशेष संयोग  

होली के पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. होलिका दहन के साथ- साथ सभी प्रकार की बुराइयां भी खत्म हो जाती है. अपने प्रिय भक्त प्रह्लाद के रक्षार्थ भगवान नारायण को नरसिंह अवतार के रूप में आना पड़ा था. सभी प्रकार की बुराइयों को समाप्त करके अपना आशीर्वाद जगत पर प्रदान किया.

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इसी वजह से इस दिन होलिका दहन बड़े ही धूमधाम व विधि विधान से मनाया जाता है. इस साल होली पर ग्रहों की भी काफी बढ़िया स्थिति बन रही है. व्यक्ति के कर्मों के फल प्रदायक शनि अपनी ही राशि कुंभ में प्रवेश कर रहे हैं. इस वजह से पंच महापुरुष योग का निर्माण भी हो रहा है.

वहीं, दूसरी तरफ धन वैभव, सुख संपदा, ऐश्वर्या, भोग विलास के कारक ग्रह शुक्र अपनी राशि में मालव्य नामक पंच महापुरुष योग का निर्माण करके विद्यमान हैं. इसके साथ ही, देव गुरु बृहस्पति भी मीन राशि में विद्यमान है. इसके परिणाम स्वरूप तीन प्रकार के पंच महापुरुष योग का निर्माण हो रहा है.

इस प्रकार करें होलिका माता को प्रसन्न

होलिका दहन वाले दिन पूजा करने से जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी. ग्रहों का सुंदर संयोग बना हुआ है. शास्त्रों की मानी जाए तो होलिका दहन के समय होलिका का पूजन करना चाहिए. होलिका पूजन में गुलरियों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. पूजन के बाद नारियल, पान, सुपारी, जलती हुई होलिका में डालने चाहिए. इसके बाद, 11 या 21 परिक्रमा अवश्य करनी चाहिए.

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परिक्रमा करते समय अपने मन में अपनी मनोकामनाएं जरूर दोहराए तथा भगवान नारायण एवं माता लक्ष्मी को भी याद करें. परिक्रमा के बाद माता लक्ष्मी के किसी भी मंत्र का 108 बार जप करें. ऐसा करने से आपकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाएंगी.

होलिका दहन के अगले दिन सुबह होलिका की भसम लें और एक लाल वस्त्र में श्री यंत्र, चांदी के सिक्के को लाल कपड़े में बांधकर अपने घर की तिजोरी में रखें. ऐसा करने से आपकी आर्थिक स्तिथि में स्थिरता बनी रहेगी, धन लाभ में भी वृद्धि होगी.

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