हरियाणा में सरपंचों की सीएम खट्टर के साथ बैठक रही सकरात्मक, आज हो सकता है बड़ा फैसला

चंड़ीगढ़ | हरियाणा में पंचायतों में दो लाख रुपये से अधिक के विकास कार्यों को ई- टेंडरिंग से कराने और पंचायत प्रतिनिधियों को लागू राइट टू कॉल कानून को वापस लेने सहित विभिन्न मांगों को लेकर सरकार और सरपंच एसोसिएशन के बीच गतिरोध टूटने के आसार हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि सरपंचों और सीएम के बीच बैठक हुई थी जो सकारात्मक बताई जा रही है. आज बैठक फिर हरियाणा निवास में सुबह करीब 10 बजे होगी. सरपंचों ने सरकार को आज दोपहर 12 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है. 12 बजे तक मांगे न मानने पर आंदोलन जारी रखने की सरपंचों की चेतावनी है.

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बैठक शाम 6 बजे से 11.15 बजे तक चली

गुरुवार को शाम छह बजे से 11.15 बजे तक हरियाणा निवास में दो दौर की बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल और सरपंच संघ के पदाधिकारी संतुष्ट दिखे. बैठक के बाद, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि साढ़े चार घंटे की वार्ता सकारात्मक रही. अधिकांश मांगों पर सहमति बन गई है. शुक्रवार सुबह फिर से दोनों पक्षों के बीच बैठक होगी और 10 मिनट के अंदर कोई अच्छी खबर मिलने की उम्मीद है.

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25 सदस्यों ने सीएम खट्टर के साथ की बैठक

मुख्यमंत्री से मिलने से पहले सरपंचों का 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पंचकूला के सेक्टर 6 स्थित पुलिस मुख्यालय पहुंचा. यहां उन्होंने डीआईजी ओम प्रकाश नरवाल से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें आश्वासन दिया कि सरपंच उनकी मांगों को विस्तार से और शांतिपूर्ण तरीके से मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे. इसके बाद, प्रतिनिधिमंडल चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गया.

बैठक आधे घंटे के लिए की गई स्थगित

बैठक की शुरुआत शाम छह बजे हरियाणा निवास में हुई. पहला दौर रात सवा नौ बजे तक चला जिसमें सकारात्मक बातचीत हुई. करीब पौने तीन घंटे चली मैराथन बैठक में मांगों को लेकर लंबी चर्चा हुई. इसके बाद, बैठक आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई. इस दौरान जहां सरपंच संघ के पदाधिकारियों को भोजन कराया गया. वहीं, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से मांगों पर विस्तार से चर्चा की.

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चरण की बैठक पौने घंटे तक चली

दूसरे चरण की बैठक भी करीब सवा घंटे तक चली. मुलाकात के बाद दोनों खेमे बातचीत से संतुष्ट नजर आए. हालांकि मुख्यमंत्री ने यह कहते हुए अपने पत्ते खोलने से इनकार कर दिया कि जब तक बातचीत खत्म नहीं हो जाती तब तक कुछ नहीं कहना चाहिए. सीएम ने कहा कि शुक्रवार सुबह सब ठीक हो जाएगा.

हालांकि, सीएम से बातचीत में सरपंच संघ के पदाधिकारियों का रुख शुरू से ही सकारात्मक रहा. हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के अध्यक्ष रणबीर समैन ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि सरकार जल्द ही इस मामले में कोई समाधान निकालेगी.

इन मांगों पर हुई चर्चा

  1. संविधान के 73वें संशोधन की 11वीं सूची में शामिल 29 अधिकारों को पूर्ण रूप से लागू किया जाए.
  2. ई- टेंडरिंग से 50 लाख रुपए से अधिक के कार्य ही किए जाएं. भुगतान सरपंच के माध्यम से चेक से किया जाए. आवेदन शुल्क पंचायत के खाते में आना चाहिए.
  3. ग्राम पंचायतों में कार्यरत सभी विभागों के कर्मचारियों की एसीआर लिखने का अधिकार सरपंच को दिया जाए अथवा इन कर्मचारियों को सरपंच के अधीन रखा जाए.सरपंच टेक्निकल नहीं है.
  4. सरपंच का टोल टैक्स माफ किया जाए.
  5. ग्राम पंचायत की जमीन की रजिस्ट्री का एक फीसदी पैसा पंचायत के खाते में दिया जाए.
  6. घरेलू बिजली बिल का दो फीसदी पैसा पंचायत के खाते में दिया जाए.
  7. ग्राम पंचायतों को दिया जाए सरकार द्वारा किए जाने वाले सभी कार्यों में सरपंच से गुणवत्ता/समापन प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य कर दिया गया है.
  8. सरपंचों के मानदेय को बढ़ाकर 30 हजार रुपये किया जाए.
  9. रिकॉल कानून पहले एमपी- विधायकों में और फिर स्थानीय निकायों में लागू किया जाए.
  10. पंचायत सचिवालय में कॉमन सर्विस सेंटर और संचालक अलग से स्थापित किए जाएं.
  11. पूर्व सरपंचों की पेंशन 1,000 रुपये से बढ़ाया जाए.
  12. मनरेगा का भुगतान तीन माह के भीतर किया जाए जरूरत ब्लॉक स्तर पर भुगतान की व्यवस्था हो. दैनिक मजदूरी को 321 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये किया जाना चाहिए. मनरेगा की ऑनलाइन हाजिरी बंद करो.
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