स्पोर्ट्स डेस्क | हार्दिक पांड्या पहली बार वानखेड़े स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मैच में भारत का नेतृत्व करेगें. लेकिन इसके साथ ही मैच से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब पांड्या से पूछा गया कि क्या वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में भारतीय टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट में वापसी करेंगे, तो इसके जवाब में हार्दिक ने कहा, टेस्ट में किसी की जगह लेना उनके लिए नैतिक नहीं होगा.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के समय हार्दिक पांड्या ने कहा, “नहीं क्रिकेट में वापसी नहीं करना चाहता. मैं नैतिक रूप से बहुत मजबूत व्यक्ति हूं. मैंने विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के लिए 10 प्रतिशत भी मेहनत नहीं की है. इसलिए मेरा वहां आना और किसी की जगह लेना नैतिक रूप से सही नहीं होगा.
अगर कभी मैं टेस्ट क्रिकेट चाहा तो उसके लिए मैं पूरी तरह से मेहनत करूंगा और अपनी जगह बनाऊगां. इसलिए, इस कारण से मैं विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल या भविष्य की टेस्ट सीरीज के लिए तब तक उपलब्ध नहीं रहूंगा, जब तक मुझे नहीं लगता कि मैंने अपना स्थान अर्जित कर लिया है.
वनडे और टी20 में योजनाओं का अंतर
आपको बता दें, हार्दिक पांड्या ने 11 टी20 मैचों में भारत की कप्तानी की है, जिसमें से 7 मैचों में जीत हासिल हुई. इसके साथ ही पांड्या ने अलग-अलग प्रारूपों में कप्तानी के अंतर का विश्लेषण करते हुए कहा, “वनडे, टी20 खेल का ही विस्तार है, जिसमें आपको काफी बदलाव करने होते हैं. जैसा कि आपको पता है कि इसमें बने रहने के लिए हर ओवर, हर गेंद खेल को बदल देती है. बात वनडे की करें तो इसमें आपके पास अधिक निर्धारित योजनाएं होती हैं. एक बार जब आप कुछ शुरू करते हैं तो वही योजना 6 ओवरों के लिए चल सकती है.
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