रेवाड़ी | फसल कटाई का सीजन चल रहा है. किसान को चिंता है कि वह खेत में खड़ी अपनी फसल को बाजार तक ले आए. लेकिन जिस तरह के हालात बने हुए हैं इससे हर तरफ चिंता बढ़ी है. हरियाणा के रेवाड़ी जिले के बीकानेर गांव में बारिश के बीच तेज धमाके के साथ बिजली गिरने से इलाके में दहशत फैल गई. बिजली एक मकान की छत पर गिरी, जिससे मकान की दूसरी मंजिल के बिजली के सभी उपकरण व बिजली के मीटर जल गए और छत व दीवार में दरार आ गई.
घटना के समय पूरा परिवार घर पर था और बिजली की तेज आवाज सुनकर सन्न रह गया. आकाशीय बिजली ने पड़ोसियों के दो इनवर्टर व चार्जर भी जला दिए. सूचना के बाद बिजली विभाग का कर्मचारी मौके पर पहुंचा और बिजली के खराब मीटर को हटाकर काम शुरू किया.
रेवाड़ी में हुई झमाझम बारिश
रेवाड़ी में देर शाम अचानक मौसम ने करवट ली और झमाझम बारिश शुरू हो गई. हालांकि शहर को छोड़कर जिले के कई गांवों में अच्छी बारिश हुई. महज 20 मिनट की बारिश के दौरान आसमान में बिजली चमकी. यह देख ग्रामीणों ने अपने पशुओं को अंदर डाल लिया. बीकानेर गांव निवासी मुकेश सैनी के घर की दूसरी मंजिल की छत पर तेज आवाज के साथ बिजली गिरी.
बिजली की पूरी फिटिंग फटी
मुकेश सैनी के बेटे दीक्षांत सैनी ने बताया कि बारिश के दौरान वह, उनके माता-पिता और भाई घर पर मौजूद थे. मकान की दूसरी मंजिल की छत पर तेज आवाज के साथ कोई चीज टकराई. देखते ही देखते घर के सारे बिजली के उपकरण जल कर दूर जा गिरे. यहां तक कि बिजली की पूरी फिटिंग भी फट गई. जहां मकान का प्लास्टर टूट कर गिर गया, वहीं छत व दीवारों में दरारें आ गईं. इससे पहले कि वे कुछ समझ पाते, घर में घोर अंधेरा छा गया. आनन-फानन में वे घर की सुरक्षित जगह पर पहुंचे और बारिश थमने के बाद उन्हें पता चला कि घर में बिजली गिरी है. उनका बिजली का मीटर जलकर खाक हो गया.
झज्जर में हुई ओलावृष्टि
झज्जर के बादली, साल्हावास, माछरौली झज्जर में बरसात ने चिंता बढ़ाई हुई है क्योंकि यह गेंहू की फसल के लिए काफी नुकसानदायक है. बता दें कि जिले में अभी तक सरसों की 50 प्रतिशत कटाई हो चुकी है. करीब 77 हजार एकड़ भूमि में सरसों की फसल है. गेहूं की फसल अभी पक कर तैयार होने को है. ऐसे में बाजरा की 50 प्रतिशत कटाई नहीं होने की वजह से जिन क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई है वहां किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है. साल्हावास क्षेत्र में करीब 20 मिनट तक ओलावृष्टि हुई है.
खड़ी फसल को नुकसान ज्यादा
कृषि विभाग के तकनीकी विशेषज्ञ ईश्वर जाखड़ ने कहा कि अगर सरसों की फसल खड़ी है तो ओलावृष्टि से नुकसान होने की संभावना है, अगर कटाई हो चुकी है तो कम होने की संभावना है, अगर सरसों की कटाई कर उसे इकट्ठा किया गया है तो नुकसान उससे भी कम होने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि गेहूं की बाले कट गए है तो ज्यादा नुकसान है. जिले में ओलावृष्टि से कितना नुकसान हुआ है इसके आंकड़े जुटाए जा रहे हैं.
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