चंडीगढ़ | जूनियर महिला कोच द्वारा लगाए गए यौन शौषण के आरोपों से जूझ रहे हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. इस मामले की जांच कर रही चंडीगढ़ पुलिस ने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में संदीप सिंह की ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराने की अर्जी दाखिल की है जिसपर 31 मार्च को सुनवाई होगी.
क्या है ब्रेन मैपिंग
ब्रेन मैपिंग एक न्यूरोसाइंस तकनीक है, जिसके जरिए ब्रेन में मौजूद तरंगों की जांच की जाती है. इस जांच से यह समझा जाता है कि भयानक अपराध करने के लिए आरोपी का दिमाग किस हद तक सक्षम है. यह एक नॉन- इंवेजिव प्रकिया है, जिसके जरिए शरीर में किसी तरह का कोई कट या इंजेक्शन नहीं लगाया जाता हैं और न ही इससे शरीर को किसी तरह का शारीरिक या मानसिक नुकसान पहुंचता है.
कैसे होता है ब्रेन मैपिंग टेस्ट
ब्रेन मैपिंग टेस्ट के जरिए दिमाग में उठने वाली तरंगों का अध्ययन किया जाता है. उस व्यक्ति के सिर से सेंसर्स को कनेक्ट किया जाता हैं और उसके दिमाग में पता लगाने के लिए उसके सिर पर हेड कैप्चर लगाया जाता है. उस व्यक्ति के सामने अपराध से जुड़े सीन को सिस्टम पर दिखाया और सुनाया जाता है. इस टेस्ट में नार्को टेस्ट की तरह कोई दवा नहीं दी जाती है.
सच- झूठ आएगा सामने
जिस मशीन को सिर के सेंसर्स से कनेक्ट किया जाता है, उसी मशीन पर आ रही तरंगों को देखकर यह पता लगाया जाता है कि वह कितना सच या झूठ बोल रहा है. जब भी किसी आरोपी को लेकर लैब जाया जाता है तो इसके पहले खास तैयारी करनी होती है. इसके लिए लैब में सबसे पहले FSL एक्सपर्ट केस का अध्ययन करते हैं और फिर सवालों की लिस्ट तैयार की जाती है. इसके बाद, आरोपी के इंटरव्यू की प्रक्रिया शुरू होती है और कई बार तो ब्रेन मैपिंग करने में एक सप्ताह तक का समय लग जाता है.
3 महीने पहले लगाए थे आरोप
खेल विभाग की जूनियर महिला कोच ने पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा था कि सरकारी आवास पर बुलाकर संदीप सिंह ने उससे छेड़छाड़ की है. साथ ही, उन्होंने कहा था कि इससे पहले भी खेल मंत्री कई महिला खिलाडियों के साथ गलत काम कर चुका है. इस मामले में पूर्व खेल मंत्री के खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस ने 30 दिसंबर को यौन उत्पीडन का केस दर्ज किया था.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!