करनाल | एक समय था जब महिलाओं को घर से निकलने के लिए बड़ों की आज्ञा लेनी पड़ती थी. अगर कोई महिला कार्य करना चाहती थी तो उसे यह कहकर मना कर दिया जाता था कि वह एक महिला है. घरेलू कार्य करना ही उस पर शोभा देती है. अब हरियाणा में महिलाएं खुद आत्मनिर्भर बन रही है जिससे खुद तो पैसा कमा ही रहीं है. साथ ही, परिवार की जरूरतों को भी पूरा कर रही हैं. ऐसी ही एक मिसाल करनाल की महिला ने पेश की है.
12वीं पास महिला ने किया कमाल
महिला सशक्तिकरण के लिए हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का लाभ लेने में महिलाएं भी पीछे नहीं हैं. ऐसी ही एक महिला करनाल के घरौंडा खंड के अराईपुरा गांव निवासी 12वीं पास 34 वर्षीय बरखा चांदनी नाम से स्वयं सहायता समूह चला रही हैं. साल 2017 में चांदनी ग्रुप से जुड़कर और सियाराम नाम से मसालों का ब्रांड डेवलप कर बरखा ने अपनी आमदनी सालाना करीब ढाई गुना बढ़ा ली है. आज बरखा करीब 8 हजार रुपए महीना कमा रही हैं.
महिलाओं के लिए बनी मिसाल
बरखा पढ़ी- लिखी महिलाओं के सामने मिसाल पेश की है. उन्होंने बताया कि उनके मसाले गांव ही नहीं बल्कि आसपास के इलाके में भी मशहूर हैं. जिसके स्वाद से उनकी पहचान बनती जा रही है. जिला परिषद के कार्यकारी अधिकारी गौरव कुमार ने कहा कि हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन 2014 में सरकार द्वारा शुरू किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण गरीबों के लिए एक कुशल और प्रभावी संस्थागत मंच तैयार करना है.
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