नई दिल्ली | केन्द्र की मोदी सरकार देशभर में सड़क कनेक्टिविटी मजबूत करने के लिए लगातार नए एक्सप्रेस- वे और हाइवे का निर्माण कर रही है ताकि लोगों का सफर आरामदायक हो सकें. बढ़ती सुविधा को देखते हुए लोग अब पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बजाय खुद के वाहन से सफर करना ज्यादा पसंद करने लगे हैं. ऐसे में हाइवे पर वाहनों की लगातार बढ़ती संख्या से टोल प्लाजा पर लंबी कतार देखी जा सकती हैं. कई बार लंबी लाइन लगने से परेशानी होती है लेकिन अब जल्द ही टोल प्लाजा पर टोल देने की तकनीक में बदलाव देखने को मिलेगा.
बदलेगी तकनीक
केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि देशभर में आने वाले 6 महीनों में टोल टैक्स भुगतान की तकनीक में बदलाव किया जाएगा. इस बदलाव के दो फायदे होंगे. पहला टोल प्लाजा पर लगने वाली भीड़ में कमी आएगी और दूसरा, हाइवे पर आप जितना सफर करेंगे केवल उतनी ही दूरी के लिए टोल टैक्स चुकाना होगा.
GPS आधारित तकनीक
नितिन गडकरी ने कहा कि देश में मौजूदा हाइवे टोल प्लाजा को बदलने के लिए सरकार अगले 6 महीनों में GPS आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम के साथ नई तकनीकों को पेश करेगी. इससे वाहन चालक हाइवे पर यात्रा की गई सटीक दूरी के लिए ही टोल टैक्स का भुगतान करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार देश में टोल प्लाजा को बदलने के लिए जीपीएस आधारित टोल प्रणाली सहित नई तकनीकों पर विचार कर रही है.
गडकरी ने बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय वाहनों को रोके बिना ऑटोमैटिक टोल कलेक्शन को सक्षम करने के लिए ऑटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान सिस्टम (स्वचालित नंबर प्लेट रीडर कैमरा) की एक पायलट परियोजना चला रहा है. उन्होंने कहा कि Fastag की शुरुआत से वाहनों का औसत प्रतीक्षा समय घटकर 47 सेकंड रह गया है लेकिन अभी भी कई जगहों पर पीक आवर्स के दौरान टोल प्लाजा पर टोल वसूलने में अधिक देरी हो रही है और वाहनों की लंबी कतार लग जाती है.
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