शनि के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए करें यह जरूरी उपाय, शमी के पौधे में बाँध दे बस ये एक चीज़

ज्योतिष | नवग्रह का शुभ या अशुभ प्रभाव सभी राशि के जातकों पर देखने को मिलता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन्हीं नौ ग्रहों में से 1 ग्रह को काफी क्रूर ग्रह माना जाता है. वैदिक ज्योतिष शास्त्रों में शनि को कर्मफलदाता कहा जाता है. इस ग्रह की गति काफी धीमी होती है जिस वजह से यह एक राशि में करीब 2.5 साल तक रहते हैं. ऐसे में इस राशि के जातकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसी को शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के नाम से भी जाना जाता है.

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शनि की साढेसाती के तीन चरण कई राशियों के लिए काफी कष्टकारी साबित होते हैं. आज की इस खबर में हम आपको शनिदेव को प्रसन्न करने के कुछ आसान से उपाय बताएंगे, जिनको अपनाकर आप तमाम तरह की परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं.

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शनि को प्रसन्न करने के कुछ खास उपाय

  • शास्त्रों के अनुसार, शमी का संबंध शनिदेव से है. शमी का पौधा घर में लगाने से सुख- समृद्धि के साथ- साथ धनधान्य की भी बढ़ोतरी होती है. साथ ही आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा भी समाप्त हो जाती है.
  • शमी का पौधा शनिवार या फिर विजयदशमी के दिन लगाना काफी शुभ माना जाता है. इन दिनों में शमी का पौधा लगाने से आपके जीवन में सुख समृद्धि आती है.
  • घर के मुख्य द्वार के दाए तरफ शमी का पौधा लगाना काफी शुभ माना जाता है. आप मुख्य द्वार की बजाय छत पर भी यह पौधा लगा सकते हैं. तब आपको दिशा का विशेष ध्यान रखना होगा, इस पौधे को दक्षिण दिशा में लगाना काफी अच्छा माना जाता है.
  • शमी के पेड़ में लाल रंग का कलावा बांधने से कुंडली में राहु की स्थिति काफी मजबूत होती है. इसके साथ ही, आपको दुष्प्रभावो से भी छुटकारा मिल जाता है.
  • नियमित रूप से शमी के पेड़ की विधिवत पूजा करने के साथ शनिवार या फिर सोमवार के दिन शमी की टहनी पर लाल रंग का कलावा बनना चाहिए. ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न हो जाते हैं और सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.
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जानिये शनि ग्रह के बारे में कुछ जरूरी बातें

शनि ग्रह सूर्य से छठा ग्रह है. शनि ग्रह को बृहस्पति के बाद सौरमंडल में दूसरा सबसे बड़ा ग्रह माना जाता है. यह एक विशाल गैस है जिसकी औसत रेडियस पृथ्वी से लगभग साढ़े नौ गुना है. इसका पृथ्वी के औसत घनत्व का केवल एक-आठवां हिस्सा है. शनि की कृपा से जातक अपने कार्यक्षेत्र में सफलता की प्राप्ति करता है. जिन जातकों की कुंडली में शनि पीड़ित व शुभ स्थान में न हो, उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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