BJP- JJP गठबंधन पर छाए संशय के बादल, दोनों पार्टियों के नेताओं की बयानबाजी से गरमाया माहौल

चंडीगढ़ | हरियाणा में इस समय BJP- JJP गठबंधन की सरकार चल रही है. 2024 में लोकसभा और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं. इन चुनावों के लिए अभी लंबा समय बाकी है लेकिन अभी से आगामी चुनावों में बीजेपी और जेजेपी गठबंधन पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं. इसका कारण लगातार दोनों पार्टियों के नेताओं की बयानबाजी है.

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हालांकि, सीएम मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला लगातार गठबंधन बनाए रखने के हिमायती हैं और उनके बयान भी गठबंधन के पक्ष में ही आ रहें हैं. मगर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और जेजेपी प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला के बयानों से स्पष्ट है कि आगामी चुनावों में दोनों पार्टियों की राहें अलग- अलग होगी.

कहा से शुरू हुई गठबंधन पर रार

कुछ दिनों पहले बीजेपी नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह ने बयान दिया था कि भारतीय जनता पार्टी को हरियाणा में अगला चुनाव अपने बलबूते पर लड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि पार्टी को किसी के साथ गठबंधन करने की जरूरत है.

उन्होंने गठबंधन को कमजोरी की निशानी बताते हुए कहा कि साल 2014 के बाद से हरियाणा में बीजेपी की जड़ें मजबूत हुई है. ऐसे में बीजेपी को अकेले चुनाव लड़ना चाहिए और इसके रिजल्ट भी अच्छे आएंगे. वीरेंद्र सिंह के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में BJP- JJP गठबंधन पर कयासों का दौर शुरू हो गया था.

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प्रदेश अध्यक्ष OP धनखड़ का बयान

BJP- JJP गठबंधन को लेकर उठा ये सवाल यहीं नहीं रुका,जब हरियाणा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने इस मुद्दे को और हवा दे दी. उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां अभी तो अपने- अपने हिसाब से लगी हुई है. हम तो ये कहते हैं कि हम हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीट पर जीत का परचम लहराएंगे जबकि जेजेपी भी यही कह रही है कि दुष्यंत चौटाला के आगे से डिप्टी शब्द हटाना है और उन्हें हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाना है. फिलहाल, दोनों अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं और जब समय आएगा तब जवाब दिया जाएगा.

उचाना से हर हाल में लड़ेंगे चुनाव

BJP- JJP गठबंधन को लेकर मची तकरार को हिसार से बीजेपी सांसद बृजेन्द्र सिंह के एक बयान ने और बढ़ा दिया. उन्होंने कहा कि 9 साल से केंद्र में और साढ़े 8 साल से हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. ऐसे में मुझे नहीं लगता कि बीजेपी को आगामी चुनावों में किसी के सहारे की जरूरत है. पार्टी को अपने दम पर अकेले चुनावी मैदान में उतरना चाहिए.

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जब उनसे सवाल किया गया कि साल 2024 के विधानसभा चुनाव तक दोनों पार्टियां गठबंधन में मिलकर चुनाव लड़ती है और उचाना विधानसभा सीट JJP के खाते में गई तो वे क्या करेंगे. इसका जवाब देते हुए बृजेन्द्र सिंह ने कहा कि चौधरी वीरेंद्र सिंह के परिवार का सदस्य उचाना से 100 फीसदी चुनाव लड़ेगा.

दिग्विजय चौटाला का बयान

गठबंधन को लेकर मचे बवाल के बीच जेजेपी प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला ने बीजेपी के नेताओं को गठबंधन की मर्यादा में रहकर बयानबाजी करने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि चौधरी देवीलाल के परिवार से वीरेंद्र सिंह का परिवार राजनैतिक तौर पर बुरी तरह से मात खा चुका है. ऐसे में इस परिवार के सदस्यों के बयान से स्पष्ट होता है कि उनके लिए पार्टी से ऊपर उनका निजी राजनीतिक स्वार्थ है.

दिग्विजय चौटाला ने कहा कि मैं शर्त लगा सकता हूं कि हिसार से बीजेपी सांसद बृजेन्द्र सिंह को 90 फीसदी जनता नहीं जानती है जबकि हिसार से जब दुष्यंत चौटाला सांसद थे तो उनके नाम का डंका बजता था. उन्होंने छात्र संघ इकाई INSO के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं को मिलकर पार्टी की मजबूती के लिए काम करना होगा और दुष्यंत चौटाला को हरियाणा का युवा मुख्यमंत्री बनाना होगा.

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राजनीतिक विश्लेषक की राय

वहीं, इस मामले पर राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर सुरेंद्र धीमान कहते हैं कि यह बयानबाजी बताती हैं कि दोनों पार्टियां आगामी चुनाव शायद गठबंधन में ना लड़ें. उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता भी गठबंधन में चुनाव लड़ने से बचना चाह रहे हैं. जननायक जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भी चाहते हैं कि दुष्यंत चौटाला प्रदेश के मुख्यमंत्री बनें.

ऐसे में जब बीजेपी और जेजेपी का गठबंधन है, बीजेपी का मुख्यमंत्री है तो फिर यह सब कैसे संभव होगा. इसके अलावा, चुनाव में बीजेपी और जेजेपी के बीच सीट का बंटवारा भी आसान नहीं होगा. जेजेपी अगर कम सीटों पर लड़ी तो फिर दुष्यंत चौटाला को सीएम बनाने का ख्वाब पूरा नहीं होगा. ऐसे में गठबंधन का लोकसभा और विधानसभा चुनाव में चल पाना आसान दिखाई नहीं दे रहा है.

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