नई दिल्ली । केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए तीन कृषि कानूनों के विरुद्ध चल रहे विरोध प्रदर्शन के मुद्दे पर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच होने वाली दसवें दौर की बैठक अब 20 जनवरी को होगी. केंद्र सरकार के अनुसार दोनों ही पक्ष शीघ्र से शीघ्र इस गतिरोध को सुलझाना चाहते हैं. परंतु अलग अलग विचारधारा होने के कारण समस्या के समाधान में विलंब हो रहा है. केंद्र सरकार द्वारा यह दावा किया गया है कि बनाए गए नए तीन कृषि कानून किसानों के लिए हितकारी हैं और इस बात की दुहाई दी है कि जब भी कोई अच्छा कदम उठाया जाता है तो उस में अड़चनें तो आती ही हैं.
न्यायालय द्वारा बनाई गई समिति मंगलवार को करेगी बैठक
केंद्र सरकार के अनुसार मुद्दे को सुलझाने में विलंब इसलिए हो रहा है क्योंकि किसान संगठन के नेता अपने हिसाब से समाधान चाहते हैं. सोमवार को कृषि मंत्रालय के एक बयान में यह कहा गया कि विज्ञान भवन में किसान संगठनों के साथ सरकार के मंत्रियों की वार्ता 19 जनवरी की बजाए 20 जनवरी को दोपहर 2:00 बजे होगी. इस मामले को सुलझाने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित की गई समिति भी अपनी पहली बैठक मंगलवार को करेगी. वार्ता को टालने की जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी ट्वीट के माध्यम से दी.
40 किसान संगठनों को लिखा पत्र
कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने एक पत्र में 40 किसान संगठनों को कहा कि केंद्र सरकार के मंत्रियों की वार्ता प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ 19 जनवरी को होने वाली थी. अपरिहार्य कारणों की वजह से इस बैठक को टालना जरूरी हो गया है. अब 20 जनवरी को दोपहर 2:00 बजे विज्ञान भवन में यह बैठक होगी. आपसे इस बैठक में भागीदारी करने का निवेदन किया जाता है.
अब तक हो चुकी 9 बैठकें
आपको बता दें कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब के कुछ क्षेत्रों के किसान पिछले कई हफ्तों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर नए तीन कृषि कानूनों के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच 9 बार मीटिंग हो चुकी है. लेकिन अभी तक कोई परिणाम नहीं निकला है.
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