चंडीगढ़ | हरियाणा के लाखों कर्मचारियों को बहुत जल्द बड़ी खुशखबरी मिल सकती है. प्रदेश सरकार ने 21 दिसंबर 2005 से पहले विज्ञापित भर्तियों में चयनित कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) का लाभ देने की तैयारी कर ली है, जिनकी नियुक्ति 1 जनवरी 2006 के बाद हुई है. वित्त विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया है. सीएम मनोहर लाल की मुहर लगते ही हजारों कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा.
केन्द्र सरकार की तर्ज पर लिया गया फैसला
सूबे की खट्टर सरकार ने यह फैसला केन्द्र सरकार की तर्ज पर लिया है. नई पेंशन योजना (NPS) की जगह ओपीएस लागू करने के लिए चल रही जद्दोजहद के बीच केन्द्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को बड़ी राहत प्रदान की है. नई पेंशन योजना की अधिसूचना जारी होने से पहले निकली भर्तियों में चयनित सभी कर्मचारियों को ओपीएस चुनने का विकल्प दिया जाएगा.
केन्द्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने 22 दिसंबर 2003 से पहले विज्ञापित भर्तियों में चयनित सभी कर्मचारियों को ओपीएस चुनने का विकल्प दिया है, जिनकी नियुक्ति 1 जनवरी 2004 के बाद हुई है. पुरानी पेंशन योजना का विकल्प चुनने के लिए 31 अगस्त 2023 तक का समय दिया गया है.
OPS और NPS में अंतर
- पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारी के वेतन से कटौती नहीं होती थी जबकि नई पेंशन स्कीम में 10% की कटौती की जाती है. साथ ही, इसमें 14% हिस्सा सरकार मिलाती है.
- पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायर कर्मचारियों को सरकारी कोष से पेंशन का भुगतान किया जाता था लेकिन नई पेंशन योजना शेयर बाजार आधारित है और इसका भुगतान बाजार पर निर्भर करता है.
- पुरानी पेंशन स्कीम में GPF की सुविधा थी लेकिन नई पेंशन स्कीम में यह सुविधा नहीं है.