हरियाणा में खुलेंगी बाल वाटिकाएं, बच्चों को फ्री में मिलेंगी यह तमाम सुविधाएं

रेवाड़ी | हरियाणा के रेवाड़ी के सभी प्राथमिक और मध्य सरकारी स्कूलों में नए सत्र से नर्सरी की पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी. नई शिक्षा नीति में इसका प्रावधान किया गया है. इस वर्ग का नाम बालवाटिका रखा गया है जिसके लिए निदेशालय द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं.

Little Child

चार चरणों में दी जाएगी शिक्षा

इसको लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी व सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने तैयारी शुरू कर दी है. अधिकारियों ने बताया कि जिले में 396 प्राथमिक और 96 मध्य विद्यालय हैं जिनमें किंडरगार्टन की यह कक्षा शुरू की जाएगी. शिक्षा नीति में नए प्रावधानों के तहत, 3 से 8 वर्ष की आयु के बच्चों को फाउंडेशन स्टेज में रखा गया है. इसमें दो साल की आंगनबाड़ी होगी.

इसके बाद, एक साल किंडरगार्टन और फिर बच्चे को पहली और दूसरी कक्षा में प्रवेश मिलेगा. ये तीनों कक्षाएं 492 स्कूलों में चलाई जाएंगी. इसके बाद तीसरी से पांचवीं कक्षा तक तीन वर्ष, छठी से आठवीं कक्षा तक तीन वर्ष और नौवीं से बारहवीं कक्षा तक चार वर्ष का प्रावधान होगा.

शिक्षक प्रणाली

इसमें यह जिम्मेदारी केवल उस शिक्षक को सौंपनी होती है जो पहली कक्षा को पढ़ाता है जिन विद्यालयों में छात्रों की संख्या अधिक होगी. उनके अनुसार, एक अतिरिक्त श्रेणी बनाई जाएगी. किंडरगार्टन के लिए छात्र- शिक्षक अनुपात 25:3 होगा. यह बालवाटिका सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध कक्षा 1 से 12 तक के सभी शासकीय मॉडल संस्कृति विद्यालयों से संबद्ध है इनका संचालन भी होना है.

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प्रवेश और कक्षा समय

पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बालवाड़ी में प्रवेश दिया जाएगा. उसके बाद, साढ़े पांच साल की उम्र में बच्चे को पहली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा. किंडरगार्टन का समय स्कूल शुरू होने के साथ मेल खाएगा ताकि ये छोटे बच्चे अपने भाई बहनों के साथ स्कूल आ सकें. खेल गतिविधियों, मध्यान्ह भोजन आदि सहित उनके शिक्षण- शिक्षण का समय कुल चार घंटे 30 मिनट का होगा, जिसमें दो जलपान और मध्याह्न भोजन का अंतराल होगा.

यूनिफॉर्म, किताबें और मिलेंगी ये सुविधा

इन सभी किंडरगार्टन में पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत स्टेशनरी, स्कूल बैग और यूनिफॉर्म नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही, पाठ्य पुस्तकें और कार्य पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जानी हैं. पाठ्यपुस्तकों की व्यवस्था के लिए एनसीईआरटी द्वारा मैजिक बॉक्स नामक सामग्री तैयार की गई है. इसके अनुसार, विभाग द्वारा सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी.

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शिक्षक प्रशिक्षण

बालवाटिका के साथ एनसीईआरटी द्वारा 3 से 8 साल के फाउंडेशनल स्टेज के लिए तैयार की गई सामग्री मैजिक बॉक्स पर भी विशेष प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाना है. इस 10 दिवसीय प्रशिक्षण में, विभाग की पीआरटी प्रिपरेटरी क्लासरूम लर्निंग मुख्य रूप से खेल- आधारित शिक्षा पर आधारित होगी, जिसमें संज्ञानात्मक, भावनात्मक और शारीरिक क्षमताओं के विकास और प्रारंभिक साक्षरता और अंक ज्ञान पर ध्यान दिया जाएगा.

चार चरणों में दी जाएगी शिक्षा

नींव का चरण: यह स्टेज 3 से 8 साल के बच्चों के लिए है. इसमें दो वर्ष आंगनबाड़ी, एक वर्ष बालवाटिका तथा दो वर्ष प्रथम श्रेणी व द्वितीय श्रेणी अर्थात कुल पांच वर्ष शामिल हैं. फाउंडेशन स्टेज भाषा कौशल और शिक्षाशास्त्र के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा.

प्रारंभिक चरण: इस चरण के अंतर्गत 8 वर्ष से 11 वर्ष तक के बच्चे आएंगे. इसमें कक्षा 3 से 5 तक के बच्चे शामिल हैं. शिक्षकों का उद्देश्य प्रारंभिक स्तर पर बच्चों में भाषा और संख्यात्मक कौशल विकसित करना है. इस चरण में छात्रों को उनकी क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाया जाएगा.

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मध्य चरण: इस चरण के अंतर्गत कक्षा 6 से कक्षा 8 तक के बच्चे आएंगे. कक्षा 6 से बच्चों को कोडिंग का पाठ पढ़ाया जाएगा और उन्हें ट्रेड टेस्ट के साथ इंटर्नशिप के अवसर भी दिए जाएंगे.

माध्यमिक चरण: इस चरण में कक्षा 9 से 12वीं तक के बच्चे आएंगे. पहले लड़के या लड़कियां साइंस कॉमर्स और आर्ट्स स्ट्रीम लेते थे लेकिन अब इसे खत्म कर दिया गया है. अब छात्र अपनी इच्छानुसार, विषय चुन सकते हैं जैसे साइंस स्ट्रीम के साथ कॉमर्स या कॉमर्स के साथ आर्ट्स स्ट्रीम.

नई शिक्षा नीति के तहत किंडरगार्टन होगा शुरू

नई शिक्षा नीति के तहत तीन से पांच साल के बच्चों के लिए किंडरगार्टन शुरू किए जाएंगे जिसके लिए निदेशालय से निर्देश आ गए हैं. इसके लिए विभाग ने सभी प्रखंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर तैयारी शुरू कर दी है- डॉ. अशोक नामवाल, जिला गणित विशेषज्ञ, रेवाड़ी

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