चंडीगढ़ | देश में कोरोना एक बार फिर भयानक रूप लेता जा रहा है. इसका असर देश भर में दिल्ली, महाराष्ट्र समेत कई बड़े राज्यों में देखा जा सकता है जो इस वक्त कोरोना के हॉटस्पॉट हैं. केंद्र ने राज्यों से किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पहले से तैयार रहने को कहा है लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. कोरोना से बचने के लिए दो चीजें सबसे जरूरी हैं.
कुछ जगहों पर इन दोनों चीजों की भारी कमी भी देखने को मिलती है. कुछ महीने पहले कोरोना के मामले काफी कम हो गए थे. इससे लोगों में कोरोना का डर खत्म होने लगा और टीकाकरण भी कम होने लगा. वैक्सीन की घटती मांग को देखते हुए कंपनियों ने इसका प्रोडक्शन भी बंद कर दिया था. ऐसे में अब जबकि कोरोना ने एक बार फिर दस्तक दे दी है तो वैक्सीन की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. कंपनियों का कहना है कि प्रोडक्शन शुरू कर दिया गया है.
कई अस्पतालों में टेस्टिंग किट की कमी
टीकाकरण के साथ-साथ हरियाणा के कई अस्पताल एंटीजन टेस्टिंग किट की कमी का भी सामना कर रहे हैं. एंटीजन टेस्टिंग किट आरटी पीसीआर की तुलना में कम सटीक परिणाम दे सकती हैं लेकिन उनकी परिणाम देने की गति कहीं अधिक होती है. यह वायरस के प्रसार को रोकने में काफी मदद करता है यदि कोई व्यक्ति जांच के बाद पॉजिटिव आता है तो वह खुद को आइसोलेट कर सकता है. गुरुग्राम के सरकारी अस्पतालों को अप्रैल में सिर्फ 1,000 एंटीजन टेस्टिंग किट मिले. निजी अस्पताल ये किट खुद खरीदते हैं.
पिछले दो दिनों में कोरोना की टेस्टिंग में कमी आई है. हरियाणा को टेस्टिंग बढ़ाने का आदेश दिया गया है. इसके बावजूद 10 अप्रैल से 15 अप्रैल के बीच प्रदेश में रोजाना करीब 9267 टेस्ट किए गए. 16 और 17 अप्रैल को यह आंकड़ा और भी गिर गया.
गुड़गांव में कोरोना की स्थिति
16 अप्रैल को जहां करीब 7800 टेस्ट हुए वहीं 17 अप्रैल को यह संख्या 5334 के करीब पहुंच गई. इस बीच गुड़गांव के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बचाव करते हुए कहा कि सरकारी अस्पतालों में टेस्टिंग किट की कमी के कारण निजी अस्पतालों से मदद मांगी जा रही है. मंगलवार को गुड़गांव में कोरोना के 461 नए मामले दर्ज किए गए जिसके बाद इस महीने कोरोना के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4842 हो गई.
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