नई दिल्ली | कोरोना काल में बंद (मार्च 2020 में) की गई रेल रियायत को बहाल करने की लगातार मांग कर रहे वरिष्ठ नागरिकों के समर्थन में अब केंद्र सरकार का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भी आ गया. मंत्रालय ने रेल मंत्रालय को लिखकर सहानुभूतिपूर्वक पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.
वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े संगठनों की आई सैंकड़ों शिकायतें
मंत्रालय के मुताबिक, उनके पास वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े संगठनों की सैंकड़ों शिकायतें आ चुकी हैं. इन शिकायतों को रेलवे को भेजा गया है. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने यह पहल इसलिए भी रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को पत्र की है क्योंकि वरिष्ठ नागरिकों की देखरेख व सुरक्षा से जुड़े विषयों को देखने के लिए मंत्रालय के अधीन ही एक विभाग काम करता है. फिलहाल, इसका फोकस इस समय देश में वरिष्ठ नागरिकों की तेजी से बढ़ती संख्या को देखते हुए उनके अनुकूल सुविधाओं जुटाने को लेकर है.
करीब 11 करोड़ हैं वरिष्ठ नागरिक
इसमें सभी जिलों में एक वृद्धाश्रम का निर्माण, कम कीमत में वरिष्ठ नागरिकों की जरूरत के उपकरणों की उपलब्धता और प्रत्येक अस्पताल में उम्रदराज लोगों के उपचार के लिए एक अलग यूनिट बनाने जैसी पहल शामिल हैं. मौजूदा समय में देश में करीब 11 करोड़ वरिष्ठ नागरिक हैं. 2030 तक यह संख्या 17 करोड़ से ज्यादा होने की संभावना जताई जा रही है.
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