अंबाला | केन्द्र सरकार के साथ मिलकर हरियाणा की मनोहर सरकार सूबे में सड़क कनेक्टिविटी मजबूत करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है. इसी कड़ी में भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत, अंबाला- शामली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य शुरू हो गया है. एक्सप्रेस वे के अधिग्रहित की गई जमीन को निर्माण कंपनी ने अपने कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.
नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के एक अधिकारी ने बताया कि सिक्स लेन ये एक्सप्रेस वे हरियाणा के अंबाला, कुरूक्षेत्र, करनाल और यमुनानगर से होते हुए यूपी के सहारनपुर व शामली जिले को आपस में कनेक्ट करेगा. जिला अम्बाला में 58 गांव, यमुनानगर में करीब 12 गांवों से होते हुए शामली में 24 गांवों से गुजरेगा.
3660 करोड़ रुपए होंगे खर्च
यमुनानगर जिले के पोटली गांव के नजदीक से इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू हो गया है. हरियाणा में इस एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 75 km जबकि उत्तर प्रदेश में 45 Km होगी. जिसे लगभग 3,660 करोड़ रुपए की लागत राशि खर्च होगी. इस प्रोजेक्ट के साल 2024 में पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है.
इन गांवों की जमीन अधिग्रहित
रादौर की 86 कनाल, 13 मरले जमीन एक्वायर हो रही है. धौलरा गांव की कुल 279 कनाल, तीन मरला, घिलौर की 324 कनाल, छह मरले, धानुपुरा गांव की 184 कनाल, 17 मरले, बुबका गांव की सबसे ज्यादा 414 कनाल, 11 मरले, बापौली गांव की 132 कनाल, 13 मरले, पोटली गांव की 172 कनाल, नौ मरले, बापा गांव की 161 कनाल, 16 मरले, ठसका खादर गांव की 41 कनाल, 12 मरले, खुर्दबन गांव की 156 कनाल, 14 मरले, गांव सिली खुर्द की 34 कनाल, 16 मरले जमीन एक्वायर की गई है. अधिग्रहित जमीन की मुआवजा राशि किसानों के खातों में ट्रांसफर कर दी गई है.
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