भिवानी | दहेज रूपी सामाजिक कुरीति आज के इस आधुनिक युग में भी हजारों बेटियों के घर को तबाह कर रही है तो वहीं दूसरी ओर इसी समाज में ऐसे भी इंसान हैं जो बिना दान- दहेज विवाह कर दहेज लोभियों के मुंह पर करारा तमाचा जड़ने की मिसाल कायम कर रहे हैं. ऐसा ही एक उदाहरण भिवानी जिले के एक गांव के पूर्व सरपंच ने पेश किया है जिसकी जमकर सराहना हो रही है.
11 लाख रुपए लौटाएं वापस
भिवानी जिले के गांव जुई खुर्द के पूर्व सरपंच रमेश गिल के बेटे की शादी का कार्यक्रम था. लगन के मौके पर लड़की वालों ने 11 लाख 11 हजार रूपए भारी- भरकर रकम दी लेकिन लड़के के पिता ने उनमें से 1 रूपया व नारियल शगुन के रूप में लेकर बाकी रकम अपने समधी बेरला निवासी अशोक को वापस लौटा दी. पूर्व सरपंच की इस पहल का वहां मौजूद ग्रामीणों ने तालियां बजाकर स्वागत किया.
वहीं, इस सराहनीय पहल पर लड़की के पिता अशोक ने कहा कि वह अपने समधी का अपने पूरे गांव की ओर से आभार प्रकट करते हैं. इस पहल की जितनी प्रशंसा की जाए, उतनी ही कम है. अगर समाज में और इंसान भी इस पहल को आगे बढ़ाएं और दुल्हन को बेटी का दर्जा दें तो एक बेटी के पिता की सारी समस्याएं दूर हो जाएगी.
वहीं, इस मामले पर लड़के के पिता पूर्व सरपंच ने कहा कि अपने जिगर के टुकड़े को एक बाप इतने साल लाड- प्यार से पालकर दूसरे के घर भेजता है और इससे बड़ा दहेज कुछ भी नहीं होता है. एक बहू को बेटी के रुप में अपनाकर इस माया रूपी धन को वापस लौटाना ही तो दो परिवारों के बीच रिश्ते की असली मजबूती होती है. उन्होंने औरों से भी इस पहल में योगदान करने की अपील की है ताकि समाज का तानाबाना मजबूत रहें.
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