फरीदाबाद | हरियाणा में सभी परिवारों को 8 अंकों का डिजिटल पहचान पत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. जिसे बीएलओ के माध्यम से घर-घर जाकर परिवारों की सूचना एकत्रित की जा रही है. प्रदेश सरकार ने यह स्पष्ट बता दिया है कि परिवार पहचान पत्र के आधार पर ही राज्य सरकार की सभी सरकारी योजनाओं का लाभ राज्य के निवासियों को मिलेगा अन्यथा वे इससे वंचित रहेंगे. वैसे तो सरकार की यह पहल डिजिटल इंडिया की दिशा में एक सार्थक कदम है. जो प्रदेशवासियों को सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ एक ही पोर्टल पर उपलब्ध करवाके उन्हें सहूलियत प्रदान करेगी. परन्तु इसमें मिल रही खामियों के कारण अधिकारियों को काफी परेशानी व किरकिरी का सामना पड़ रहा है क्योंकि इसमें हास्यजनक त्रुटियां सामने आ रही हैं जो अविश्वसनीय सी लगती हैं.
क्या हैं खामियाँ
दरअसल प्रदेश सरकार ने यह साफ कर दिया है कि इस परिवार पहचान पत्र के माध्यम से ही राज्य की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदेशवासियों को मिलेगा. इसलिए इस पहचान पत्र को बनवाने को लेकर सभी लोग उत्साहित हैं. परन्तु इसकी प्रक्रिया में कई हास्यस्पद त्रुटियां सामने आ रही हैं.
मामला है फरीदाबाद के सेक्टर 8 निवासी डॉ निष्ठा गुप्ता के परिवार का जिनके परिवार में पति, 2 बेटी व एक बेटा है. जानकारी के मुताबिक, उनके परिवार के सभी आंकड़े बीएलओ स्वयं उनके घर से एकत्रित करके लेकर गयी जो जिलास्तरीय वेबसाइट पर ठीक भी थे क्योंकि बीएलओ ने उसके स्क्रीनशॉट उन्हें भेज दिया था. परन्तु आश्चर्य तब हुआ जब डॉ निष्ठा के हसबैंड अरुण गुप्ता ने “मेरा परिवार डॉट हरियाणा डॉट गवर्नमेंट डॉट इन पोर्टल” पर अपने परिवार के पहचान पत्र की जांच की तो पाया कि उसमें डॉ.निष्ठा को घर की मुखिया व बड़ी बेटी का नाम बदलकर प्रीति कर दिया है तथा डॉ.निष्ठा की उम्र भी 44 की जगह 40 और बेटी की उम्र 17 की जगह 34 साल दिख रही है. अतः विभाग को इन त्रुटियों को लेकर सतर्कता बरतनी चाहिए जिससे वे हंसी के पात्र न बनें.
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