चंडीगढ़ | जैसा कि आप सभी जानते हैं पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने PGT चयन प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. 20 अप्रैल को हाई कोर्ट ने चयन प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार और हरियाणा लोक सेवा आयोग को नोटिस जारी किया ओर जवाब मांगा था. इस रोक हटाने की मांग को लेकर हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में अर्जी डाली है. अर्जी देने के साथ- साथ आयोग ने यह मांग भी की है कि इस मामले की जल्द से जल्द सुनवाई की जाए.
11 मई को होगी सुनवाई
जस्टिस हरनरेश सिंह गिल ने मामले पर जल्दी सुनवाई की मांग को मंजूरी देते हुए 11 मई की तारीख सुनवाई के लिए निर्धारित की है जबकि पहले इस मामले में 13 सितंबर के लिए सुनवाई तय की गई थी. अब हरियाणा लोक सेवा आयोग की तरफ से एडवोकेट जनरल बीआर महाजन व एडीशनल एडवोकेट जनरल दीपक बलियान ने मामले पर जल्दी सुनवाई किए जाने और रोक हटाए जाने की मांग करते हुए अर्जी दाखिल की है.
चयन प्रक्रिया पर रोक हटाने के लिए दायर की गई अर्जी
अर्जी में कहा गया है कि चयन प्रक्रिया पर रोक लगाए जाने से लगभग 3,500 नियुक्तियां संभव नहीं हो पाई. आयोग का कहना है कि वह जल्द से जल्द इन पदों को भरना चाहता है. ऐसे में मामले पर जल्दी सुनवाई की जाए और रोक हटा दी जाए. भिवानी निवासी पूनम कुमारी व अन्यों की तरफ से याचिका दायर की गई थी व कहा गया था कि 26 अगस्त 2019 को आयोग ने विभिन्न विषयों में पीजीटी भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे.
आखिरी वक्त में नया पैटर्न जारी करना आयोग की मनमानी
30 मार्च 2022 को नोटिस जारी कर भर्ती संबंधी विज्ञापन को वापस ले लिया गया. इसके बाद, 19 नवंबर 2022 को आयोग ने इन पदों पर फिर से आवेदन मांगे गए. 13 दिसंबर को आयोग ने लिखित परीक्षा का पैटर्न जारी किया. जिसमें दिए गए पाठ्यक्रम के अनुसार 150 बहु विकल्पीय प्रश्न पूछे जाने थे. 20 मार्च को नया पैटर्न जारी किया गया जिस पर याचियों ने कहा कि अब आखिरी वक्त में नया पैटर्न जारी करने का क्या मतलब है? याचियों ने कहा कि आयोग अपनी मनमानी कर रहा है.
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