चंडीगढ़ | पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से लाखों आवेदकों को एक बड़ा झटका दिया गया है. संयुक्त पात्रता परीक्षा (CET) पास लेकिन मेरिट में नीचे रहने वाले लाखों आवेदकों के लिए पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. ग्रुप C व D के 32,000 पदों के लिए उनकी श्रेणी के केवल चार गुना आवेदकों को ही स्क्रीनिंग के लिए बुलाने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
सभी आवेदकों को मिले मौका
आशीष कुमार व अन्य ने याचिका दाखिल करते हुए हाईकोर्ट से कहा कि हरियाणा सरकार ने ग्रुप सी व डी के पदों को भरने के लिए संयुक्त पात्रता परीक्षा लेने का फैसला किया है. परीक्षा में 50 प्रतिशत अंकों को सामान्य श्रेणी के लिए तथा 40 प्रतिशत अंक रिजर्व श्रेणी के लिए क्वालिफाइंग अंक तय किए गए हैं. इस परीक्षा के लिए 11,22,200 आवेदकों ने रजिस्ट्रेशन किया था जिनमें से 7,73,000 ने परीक्षा दी.
इसके बाद, सरकार ने परीक्षा का परिणाम जारी किया और 2,92,000 आवेदक परीक्षा में सफल रहे. साथ ही, सरकार ने कहा कि विज्ञापित पदों के चार गुना आवेदकों को ही स्क्रीनिंग के लिए बुलाया जाएगा.
याचिकाकर्ताओं को सभी नियमों की थी जानकारी
याची ने कहा कि इस प्रकार नियमों को बदल कर परीक्षा पास करने वाले अन्य आवेदकों को परीक्षा देने का मौका न देकर उनके साथ अन्याय किया जा रहा है. परीक्षा पास करने वाले सभी आवेदकों को स्क्रीनिंग टेस्ट में बैठने का मौका दिया जाना चाहिए. हरियाणा सरकार की तरफ से इसका विरोध करते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ताओं को परीक्षा का पंजीकरण कराते समय सभी नियमों के बारे में पता था.
इसके साथ ही, सरकार को अधिकार है कि वे योग्य आवेदकों के चयन के लिए मानक निर्धारित करें. इस प्रक्रिया को अपनाने से भर्ती शीघ्र पूरी होगी और अनावश्यक याचिकाओं के बोझ से भी बचा जा सकेगा.
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