ऑटोमोबाइल डेस्क | आजकल CNG कारों की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है. अब लोग पेट्रोल और डीजल की कारों की तुलना में CNG कारों को खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं. एक तरफ जहां सीएनजी कारों की डिमांड बढ़ती जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ इसकी सुरक्षा को लेकर भी कई प्रकार के सवाल व्यक्तियों के मन में उठते हैं. सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि कार में सीएनजी भरवाते समय लोग कार से बाहर क्यों उतर जाते हैं. आज की इस खबर में हम आपको इसी प्रकार के सारे सवालों का जवाब देंगे.
अगर आप भी कभी अपनी गाड़ी में सीएनजी भरवाने गए होगे तो आपने जरूर देखा होगा कि सीएनजी भरवाते समय गाड़ी में बैठे सभी लोगों को उतरने के लिए कहा जाता है. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों कहा जाता है. इसका सबसे पहला कारण भारत में फैक्ट्री फिटेड सीएनजी गाड़ियों की कमी है.
CNG भरवाते समय गाड़ी से बाहर आ जाते है लोग
भारत में कई लोग अपनी गाड़ियों में बाहर के मकैनिक से सीएनजी किट लगवा लेते हैं. आफ्टर मार्केट सीएनजी किट वाली गाड़ियों में सीएनजी भरने का नोब या तो पीछे बूट में होता है या बीच की सीट के नीचे होता है. ऐसे में लोगों को पता नहीं होता कि सीएनजी भरने का नॉब कहा है इसलिए रिफिलिंग में लोगों को परेशानी ना हो, इस वजह से उन्हें नीचे उतरने को कहा जाता है.
सीएनजी रिफिलिंग कराते समय सुरक्षा के लिहाज से भी लोगों को गाड़ी से नीचे उतरने के लिए कहा जाता है. गाड़ी में लगे टैंक के अंदर सीएनजी को काफी अधिक प्रेशर में स्टोर किया जाता है. टैंक रिफिलिंग करवाते समय अगर लीकेज या ब्लास्ट हो जाए, तो लोगों को बचाने का मौका मिल सके. इसीलिए सुरक्षा की दृष्टि से सवारियों को उतरने की सलाह दी जाती है.
सीएनजी जहरीली नहीं होती लेकिन इसकी महक से आपको दिक्कत हो सकती है. गाड़ियों में सीएनजी लीक से लोगों के सिर में दर्द, उल्टी और चक्कर आदि की भी शिकायते आती रहती है, इसीलिए इन परेशानियों से बचने के लिए भी रिफिलिंग स्टेशन पर गाड़ी से बाहर निकलना समझदारी माना जाता है.
इसके अलावा, सीएनजी पंप की बनावट पेट्रोल या डीजल पंप से अलग होती है. ऐसे ग्राहक ठगी से बचा जा सके इसलिए उसे कार से बाहर निकलकर सीएनजी पंप की मीटर रीडिंग चेक करने की सलाह दी जाती है.
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