ज्योतिष | गंगा दशहरा हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन को मोक्षदायिनी मां गंगा को समर्पित माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की जटाओ से मां गंगा का अवतरण हुआ था. इस दिन उपवास रखने का भी विशेष महत्व है. गंगा स्नान करने से पाप दूर होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसी दिन बड़ा मंगल भी पड़ रहा है, ऐसे में भक्तों को हनुमान जी की भी विशेष कृपा मिलेगी.
1 दिन मनाए जाएंगे दो बड़े पर्व
इस वर्ष गंगा दशहरा और साल का आखिरी बड़ा मंगल एक ही दिन मनाया जाएगा. इस वजह से इस पर्व का पुण्य 2 गुना हो जाएगा. इस दिन श्रद्धालु मां गंगा की पूजा के साथ- साथ हनुमान जी का भी पाठ करेंगे. इस दिन पूजा पाठ करने के साथ ही दान करना भी काफी शुभ माना जाता है. आज की इस खबर में हम आपको बताएंगे कि किस दिन गंगा दशहरा और बड़ा मंगल पड़ रहा है और आपको किस मुहूर्त पर पूजा करनी चाहिए.
इस शुभ मुहूर्त पर करें पूजा
साल 2023 में गंगा दशहरा 30 मई मंगलवार को सिद्धि योग में मनाया जाएगा. इस दिन मां गंगा की पूजा के साथ ही भगवान शिव, ब्रह्मा, सूर्य, राजा भागीरथी और हिमालय पर्वत की भी पूजा की जाती है. इसके साथ ही, इस दिन बड़ा मंगल भी रहेगा, इस वजह से हनुमान जी की कृपा भी भक्तों पर बनी रहेगी.
हिंदू पंचांग के अनुसार, गंगा दशहरा ज्येष्ट माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 29 मई 2023 को सुबह 11:49 पर शुरू होगी. इसके बाद ही, अगले दिन 30 मई को दोपहर 1:07 पर समाप्त होगी. उदय तिथि के अनुसार गंगा दशहरा स्नान 30 मई को मान्य रहेगा.
व्यक्ति को मिलेगा पापों से छुटकारा
मान्यताओं के अनुसार, गंगा दशहरा पर हस्त नक्षत्र का भी विशेष महत्व होता है. इस अवधि के दौरान गंगा में डुबकी लगाने से व्यक्तियो को तमाम तरह के पापों से छुटकारा मिल जाता है. 10 पापों का नाश करने से ही इसका नाम दशहरा पड़ा है. इसमें तीन दैहिक, चार वाणी से हुए पाप और तीन मानसिक पाप शामिल है. इन पापों में जैसे झूठ बोलना, हिंसा करना, कड़वा बोलना, परस्त्री गमन, दूसरों की निंदा करना और दूसरों के अनहित की बातें करना आदि शामिल है.
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने का विशेष महत्व
ज्योतिष विद्वान बताते हैं कि गंगा दशहरे के दिन रवि योग और सिद्धि योग का संयोग बन रहा है. इसके साथ ही, इस दिन शुक्र ग्रह कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे धन योग का निर्माण भी होगा. गंगा दशहरा के दिन रवि योग पूरे दिन रहेगा. मान्यता है कि ब्रह्म मुहूर्त में गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है, इसीलिए ब्रह्म मुहूर्त का समय जानना बेहद जरूरी है.
गंगा दशहरा के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:03 से सुबह 4:43 तक रहेगा. किंवदतियों के अनुसार, राजा भागीरथ के कठोर तपस्या के बाद मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थी, ऐसे में गंगा दशहरा के दिन पूजा- पाठ और कुछ उपाय का विशेष महत्व होता है.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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