कुरुक्षेत्र में पर्यटकों के आकर्षण केंद्र बनेगी सरस्वती नदी, 4 रिवर फ्रंट बनाने की चल रही तैयारी

कुरुक्षेत्र | हरियाणा के जिला कुरुक्षेत्र में योजना आगे बढ़ी तो गंदे नाले का रूप धारण कर चुकी सरस्वती नदी अगले एक साल तक पर्यटकों के आकर्षण का पहला केंद्र बनेगी. साथ ही, लोगों की आस्था भी इसके प्रति बढ़ेगी. जिले की सीमा में विभिन्न स्थानों पर चार रिवर फ्रंट का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से एक पर तेजी से काम चल रहा है. दावा किया जा रहा है कि ये काम इसी साल पूरे हो जाएंगे लेकिन माना जा रहा है कि अगले एक साल तक इस मोर्चे के बनने के बाद सरस्वती की सूरत बदली हुई नजर आएगी.

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इस साल सभी काम पूरे होने का दावा

बता दें कि सरस्वती हेरिटेज बोर्ड द्वारा ग्राम थाना छप्पर व पोलाड में पिपली, पिहोवा के अलावा सरस्वती रिवर फ्रंट का निर्माण किया जाना है. जिसमें से पिहोवा में तेजी से काम चल रहा है. करीब दो करोड़ की लागत से हो रहे काम को सबसे पहले पूरा किया जाएगा. यह सबसे खूबसूरत मोर्चा भी होगा, जहां सरस्वती में नाव भी चलेंगी. साथ ही, पिहोवा में करीब सवा करोड़ रुपये, थाना छप्पर में एक करोड़ रुपये और पोलाड में 70 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे.

सरस्वती नदी के जीर्णोद्धार कार्य के तहत, सरस्वती नदी में पिपली से ज्योतिसर तक नौका विहार की योजना बनाई गई थी. हालाँकि, अतिरिक्त बजट व्यय के कारण योजना को बदल दिया गया था. पहले पिपली में 800 मीटर में बोटिंग की योजना थी लेकिन बाद में 500 मीटर में योजना शुरू करने को अंतिम रूप दिया गया. इसी तरह के अन्य मोर्चे बनाने होंगे.

पिपली में सरस्वती घाट से 800 मीटर तक के क्षेत्र को प्रथम चरण में एक करोड़ 88 लाख की लागत से विकसित किया जाएगा. प्रथम चरण में पक्के घाटों का निर्माण, पत्थर पिचिंग, स्टील ग्रिल, पेवर ब्लॉक लगाने और आरसीसी पाइपलाइन का काम किया जाना है.

सरस्वती के जीर्णोद्धार की है योजना

सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के उपाध्यक्ष धूमन सिंह किरमिच ने बताया कि सरस्वती नदी का कई चरणों में जीर्णोद्धार किया जाएगा. प्रथम चरण में जहां घाट का निर्माण व अन्य कार्य होंगे. वहीं, दूसरे चरण में अमरगढ़ मझाड़ा, प्रतापगढ़ तक 800 मीटर तक सरस्वती का जीर्णोद्धार किया जाएगा. इसके तहत, सरस्वती के दोनों किनारों पर जरूरत के हिसाब से जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा.

इस संबंध में सिंचाई विभाग को भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए गए हैं. सरस्वती रिवर फ्रंट परियोजना के तहत प्रथम चरण में पिपली से अमरगढ़ मझदा की ओर 800 मीटर के क्षेत्र को विकसित किया जाएगा. पर्यटक यहां वोटिंग का लुत्फ उठा सकेंगे. इसके अलावा, ब्रह्मसरोवर की तर्ज पर सरस्वती पर कंक्रीट के घाट बनाकर संध्या आरती होगी.

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