रेवाड़ी | हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) से मान्यता प्राप्त स्कूलों में इसी सत्र से नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों को पांच की जगह छह विषय पढ़ाएं जाएंगे. इसके लिए शिक्षा बोर्ड ने तैयारियां कर ली हैं. पहले स्कूलों में पांच विषय पढ़ाए जाते थे लेकिन इस सत्र ने इन पांच विषयों को बढ़ाकर छ करने की योजना बनाई है.
जिला गणित विशेषज्ञ डॉ. अशोक कुमार नामवाल ने बताया कि इन विषयों में तीन भाषाई विषय अनिवार्य कर दिए गए हैं. अंग्रेजी व हिंदी के बाद अब तीसरे भाषाई विषय के तौर पर संस्कृत, पंजाबी और उर्दू में से विद्यार्थी किसी एक विषय को चुन सकते हैं. हरियाणा बोर्ड के नए निर्देशों के बाद अब शिक्षा विभाग भी स्कूलों में पीरियड की व्यवस्था बनाने में जुटा हैं.
नौंवी के बाद 11वीं तथा 12वीं में भी लागू होगा निर्देश: वीपी यादव
बोर्ड के चेयरमैन डॉ. वीपी यादव ने बताया कि अगले साल से दसवीं फिर ग्यारहवीं और उसके बाद बारहवीं में नौवीं की तरह 6 विषय अनिवार्य कर दिए जाएंगे. हिंदी में फेल होने पर संस्कृत विषय के अंकों के आधार पर विद्यार्थी पास हो सकेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि 90 फीसदी विद्यार्थी संस्कृत चुनेंगे.
कई वर्षों से उठ रही मांग
डीएमस डॉ. नामवाल ने बताया कि हरियाणा में शिक्षा के क्षेत्र में संस्कृत को बढ़ावा देने की मांग वर्षों से उठ रही है. इस बारे में अनेक सम्मेलन हो चुके हैं. भारत ही नहीं, 40 देशों के 254 विश्वविद्यालय में संस्कृत को पढ़ाया जा रहा है. संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है. इसे बढ़ावा देना बहुत शानदार बात है.
संस्कृत में लिखे ग्रंथ पढ़ सकेंगे हरियाणा के विद्यार्थी
संस्कृत भाषा के वैदिक रूप में सभी वेदों की संहिताएं, ब्राह्मण, आरण्यक तथा उपनिषद् ग्रन्थ लिखे गए हैं. हरियाणा के विद्यार्थी भी अब संस्कृत पढकर इन ग्रथों की समझ हासिल कर सकेंगे. जिससे उनका कौशल भी विकसित होगा और विद्यार्थी इनके अलावा भी कई अन्य ग्रंथों व पुराणों को पढ़ सकेंगे.
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