चंडीगढ़ | हरियाणा में कृषि में प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग ने किसानों की समस्याओं को कम किया है. उन्नत मशीनों के प्रयोग से किसान कम लागत में अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं. आधुनिक मशीनों के इस्तेमाल पर हरियाणा सरकार सब्सिडी और अनुदान भी देती है. लेजर लैंड लेवलर मशीन भी इन दिनों हरियाणा में काफी काम आ रही है. इस मशीन से फसल की सिंचाई लागत कम हुई है और उपज भी बढ़ी है. आइए आपको बताते हैं कि लेजर लैंड लेवलर मशीन पर सरकार कितनी और कैसे सब्सिडी देती है…
मशीन कम लागत में दे रही अधिक मुनाफा
खेती को उन्नत और लाभदायक व्यवसाय बनाने में तकनीक के उपयोग ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. मशीनों का उपयोग करके किसान अपनी फसल की उपज और खेती में सुधार कर सकते हैं.
आज सबसे बड़ी चुनौती फसल की पारंपरिक सिंचाई बन गई है. भूजल का गिरता स्तर चिंता का विषय बन गया है इसलिए कई ऐसी मशीनों का आविष्कार हो चुका है, जिनके इस्तेमाल से पैदावार भी अच्छी होती है और पानी की भी बचत होती है. इन्हीं में से एक मशीन है लेजर लैंड लेवलर मशीन, कृषि में लेजर लैंड लेवलर मशीन का प्रयोग फायदे का सौदा साबित हो रहा है.
क्या है लेजर लैंड लेवलर मशीन
पहले किसान अपने खेतों को समतल करने के लिए साधारण लेवलर मशीन का इस्तेमाल करते थे. इसमें उनका ईंधन भी काफी खर्च होता था और खेत भी ठीक से समतल नहीं होते थे. इसी को ध्यान में रखते हुए इस कंप्यूटराइज्ड मशीन को कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने तैयार किया है. लेजर लैंड लेवलर मशीन कम्प्यूटरीकृत लेजर ट्रांसमीटर, लेजर रिसीवर, इलेक्ट्रिकल कंट्रोल पैनल से जुड़े हाइड्रोलिक कंट्रोल वाल्व, दो पहियों और लेवलिंग बाल्टी से बना है.
ट्रैक्टर पर लगे कंट्रोल पैनल पर रिसीवर से प्राप्त सिग्नल प्राप्त करके हाइड्रोलिक कंट्रोल बल्ब खुलता और बंद होता है. इसमें एक बार सेट होने के बाद मशीन स्वत: ही ऊंचे जंगल से मिट्टी उठाकर निचले स्थानों पर गिरा देती है.
जानें कैसे लेजर लैंड लेवलर मशीन के फायदे
करनाल जिला कृषि यंत्र विभाग के प्रमुख डॉ. सज्जन कुमार, बताया कि वर्तमान समय में लेजर लैंड लेवलर कृषि के लिए बहुत अच्छा साधन साबित हो रहा है. इसके प्रयोग से किसान अपनी ऊबड़- खाबड़ कृषि भूमि को समतल कर लेते हैं. 30 से 35 प्रतिशत सिंचाई जल की बचत होती है क्योंकि पूरे खेत का स्तर बराबर होता है. फसल को समान मात्रा में पानी मिलने से उपज भी बढ़ती है. ऐसे में पानी का खर्चा भी कम आता है और खेत समतल होने से फसल खराब होने का खतरा भी कम रहता है. वहीं, किसानों की मजदूरी भी कम है.
लेजर लैंड लेवलर पर सरकार दे रही अनुदान
सज्जन कुमार ने कहा कि कृषि में सुधार के लिए सरकार कृषि यंत्रों पर अनुदान दे रही है. हरियाणा सरकार के निर्देशानुसार कृषि विभाग लेजर लैंड लेवलर मशीन पर 40 से 50 प्रतिशत अनुदान भी दे रहा है. लेजर लैंड लेबलर की कीमत करीब 3 लाख से 3 लाख 50 हजार रुपए तक होती है. अगर कोई किसान खुद मशीन खरीदता है तो उसे 40 फीसदी तक सब्सिडी मिलती है जो किसान समूह बनाकर लेजर लैंड लेवलर मशीन खरीदना चाहते हैं उन्हें 50 प्रतिशत अनुदान मिलता है. एक मशीन पर अधिकतम 1 लाख 50 हजार की अनुदान राशि दी जाती है.
ऐसे उठाए लाभ
कस्टम हायरिंग सेंटर के जरिए किसानों को इस मशीन पर सब्सिडी दी जाती है. इसके लिए आवेदन करने के लिए किसान को हरियाणा कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा. इसके बाद, वह अपनी मशीन खरीद सकता है. मशीन खरीदने के बाद उसे अपनी मशीन का फिक्स बिल, आधार कार्ड और कुछ अन्य दस्तावेज विभाग के अधिकारियों को दिखाने होंगे. कृषि विभाग के अधिकारी वेरिफिकेशन करते हैं. सत्यापन के बाद, सब्सिडी राशि किसान के खाते में जमा की जाती है. कस्टम हायरिंग सेंटर में एक बार में करीब 25 कृषि यंत्र लगाए जाते हैं. वहीं, किसान लेजर लैंड लेवलर के लिए भी आवेदन करते हैं.
किराए पर भी उपलब्ध है मशीन
यदि किसान के पास यह मशीन नहीं है या वह इतनी महंगी मशीन खरीदने में असमर्थ है तो वह कस्टम हायरिंग सेंटर से किराये पर भी मशीन ले सकता है. इस मशीन से किसान 600 से 700 रुपये प्रति घंटे की दर से अपने खेतों को समतल करवा सकते हैं. 1 एकड़ को समतल करने में लगभग 2 घंटे लगते हैं. कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसान को हर तीसरे साल लेजर लैंड लेवलर मशीन से अपने खेतों को जरूर समतल करना चाहिए.
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