नई दिल्ली । किसान आंदोलन मैं ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसक प्रदर्शन करने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख नेता व हरियाणा के किसान नेताओं योगेंद्र यादव और गुरनाम सिंह चढूनी ने अपना- अपना बचाव शुरू कर दिया. योगेंद्र यादव शाहजहांपुर बॉर्डर पर निकाली गई ट्रैक्टर परेड में शामिल हुए थे.
दोनों ने वीडियो जारी कर अपना बचाव किया
यादव ने वीडियो शेयर करते हुए कहा कि दिल्ली में हुई हिंसक घटनाओं की वे कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. साथ ही उन्होंने दिल्ली में घुस चुके किसानों से अपील की कि वे आंदोलन में शांति बनाए रखें. जो किसान के तय रूट से अलग दिल्ली में घुस गए हैं अभी तुरंत अपने स्थान पर वापस पहुंचे. साथी योगेंद्र यादव ने तो इस बयान में यहां तक कहा कि किसानों ने अब तक जो कुछ किया उसे पीछे छोड़कर वे वापस अपने धरना स्थल पर पहुंचे.गुरनाम सिंह चढूनी ने भी बयान की वीडियो क्लिप जारी की. इस वीडियो क्लिप में उन्होंने ट्रैक्टर परेड के दौरान की गई हिंसा की निंदा की. किसानों से कहा कि वे शांति बनाए रखें.
संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली पुलिस पर लगाया इल्जाम
किसान नेताओं के प्रमुखों द्वारा यह बयान दिल्ली पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए जारी किया गया है. यह दोनों नेता अलग संयुक्त किसान मोर्चा की 7 सदस्य समन्वय समिति में शामिल किसान नेता शिवकुमार शर्मा कक्का जी ने राजधानी में हुई हिंसा से पल्ला झाड़ते हुए सारा दोष दिल्ली पुलिस के सिर पर कर दिया. दिल्ली पुलिस द्वारा जो तीन रूट तय किए गए थे.संयुक्त मोर्चा की समन्वय समिति के सदस्यों ने तय रूठो पर आंदोलन करने के लिए मोहर लगाई गई थी. साथ ही उन्होंने शांति बनाए रखने की बात भी मानी थी. किसानों द्वारा इस हिंसक प्रदर्शन के कारण उनके जनमानस के समर्थन में कमी आई है. अभी तक भी किसानों आंदोलन जारी है.
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