हरियाणा के स्कूलों में तैयार किए जाएंगे कलाकार, गर्मी की छुट्टियों में दिया जाएगा प्रशिक्षण 

चंडीगढ़ | हरियाणा के सरकारी स्कूलों में 1 जून यानी आज से ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो गया है. अवकाश के दौरान राजकीय स्कूलों में ‘टाबर उत्सव’ मनाया जाएगा. शिक्षा विभाग की और से प्रदेश के सभी जिलों में 22 स्कूलों को चयनित किया गया हैं, जहां पर टाबर उत्सव कार्यशाला आयोजित होंगे. पहली से लेकर 30 जून तक हर रोज तीन घंटे विद्यार्थी मूर्ति शिल्प क्राफ्ट से लेकर श्री- डी स्कल्पचर आर्ट की कला सीखेंगे.

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शिक्षा निदेशालय की ओर से प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को शिक्षा विभाग, कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के संयुक्त तत्वाधान में स्कूल स्तर के विद्यार्थियों को 30 दिवसीय ग्रीष्मकालीन टाबर उत्सव आयोजित करने के निर्देश दिए हैं. टाबर उत्सव के आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों का कला के प्रति जुड़ाव को बढ़ाना है. हालांकि, कार्यशाला में 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थी ही हिस्सा लेंगे. 40 से 50 विद्यार्थियों की हाजिरी भी अनिवार्य है. इसको लेकर शिक्षा विभाग की और से प्रत्येक स्कूल को 30 हजार रुपये की राशि भी मुहैया करवाई गई है.

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कलाकारी के हुनर को निखारेंगे विद्यार्थी

टाबर उत्सव के दौरान विद्यार्थियों को आधुनिक मूर्तिशिल्प क्राफ्ट, क्ले माडलिंग, रिलीफ एवं श्री- डी स्कल्पचर आर्ट वेस्ट मेटेरियल से क्राफ्ट एवं हरियाणवी संस्कृति से संबंधित कलात्मक विषय पर प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके साथ ही, विद्यार्थियों की कलाकृतियां पर रंगों से भी कलाकारी के हुनर को निखारा जाएगा और कार्यशाला में एक कलाकार और एक सहायक कलाकार का चयन किया जाएगा, जिसकी सूची मुख्यालय को भेजी जाएगी. शिक्षा विभाग की और से हिदायत जारी की गई है कि टाबर उत्सव में 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थी हिस्सा लेंगे और प्रत्येक शिविर में 50 विद्यार्थियों की हाजिरी अनिवार्य है.

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यह होगा कार्यशाला का समय

हर रोज स्कूलों में तीन घंटे कार्यशाला आयोजित होगी, जिसका समय सुबह से 9 से 12 बजे तक रहेगा और ज्यादा गर्मी होने पर 8 से लेकर 11 बजे तक समय निर्धारित किया गया है. चयनित विद्यालयों के मुखियों द्वारा कार्यशाला के संचालन के लिए प्रत्येक सप्ताह सिलसिलेवार पीजीटी की ड्यूटी लगाई जाएगी. संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी और कल्चरल को- आर्डिनेटर प्रति सप्ताह एक दिन में मानिटरिंग जरूर करेंगे. इसके साथ ही, शिक्षा विभाग तथा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग मुख्यालय से भी अधिकारी कार्यशाला का औचक निरीक्षण करेंगे.

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