नई दिल्ली | राजधानी दिल्ली- एनसीआर में मई के बाद ठंड लोगों के ऊपर खूब मेहरबान रही. मई महीने की शुरुआत से ही लोगों ने रुक- रुक कर बारिश के साथ गरज के साथ बौछारें पड़ने का अनुभव किया है. कुल मिलाकर भीषण गर्मी का प्रकोप देखने को नहीं मिला है. इस बीच, यमुना नदी ने अपना मार्ग बदल लिया है. ये सब दिल्ली और एनसीआर में बारिश की वजह से हुआ है. इसके लिए नोएडा जिला प्रशासन और सिंचाई टीम ने काम भी शुरू कर दिया है.
दोनों ने 87 किलोमीटर लंबे तटबंध को मजबूत करने का काम शुरू कर दिया है. प्रशासन का कहना है कि अगर कदम नहीं उठाए गए तो यमुना के उफान पर आने से कई गांवों और उसके आसपास के इलाकों को खतरा हो सकता है.
डीएम मनीष कुमार ने दिए अधिकारियों को निर्देश
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने तीन दिन पहले 31 मई को माकनपुर खादर का दौरा किया था. वहां उन्होंने यमुना के जलस्तर के कारण बाढ़ के खतरे को देखते हुए की गई तैयारियों की समीक्षा की थी. उन्होंने उन गांवों का दौरा किया जो निचले स्तर पर हैं और यमुना नदी के उफान के कारण सबसे अधिक जोखिम में हैं. उन्होंने अधिकारियों से बाढ़ के खतरे को देखते हुए 15 जून तक तटबंध को और मजबूत करने और बाढ़ सुरक्षा ढांचे बनाने को भी कहा है. डीएम मनीष कुमार वर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि लोगों को सतर्क रहने के लिए कहें.
यमुना नदी अपना मार्ग क्यों बदल रही है?
सिंचाई विभाग के इंजीनियर रजत गुप्ता ने बताया कि यमुना साल में एक बार अपना रास्ता बदलती है. हमने देखा कि यमुना का पानी मकनपुर खादर के तटबंध तक पहुंच गया है. उन्होंने आगे कहा कि हालांकि गांव में पहले से ही बाढ़ से बचाव के लिए तीन ढांचों की मरम्मत की जा चुकी है. बाद में ऐसी 5 और संरचनाएं बनाई हैं. हम तटबंध के विस्तार को भी देख रहे हैं ताकि किसी तरह का कोई खतरा न हो. अधिकारियों ने बताया कि कंबख्शपुर, याकूबपुर, मोमनाथ और सफीपुर मकनपुर खादर नदी के किनारे स्थित हैं.
क्या कहते हैं माकनपुर खादर के पास रहने वाले?
माकनपुर खादर में रहने वाले संजय प्रधान ने बताया कि यमुना यूपी और हरियाणा को अलग करती है. यह नदी वर्ष में अपना मार्ग बदलती है और यह हरियाणा की ओर भी बहती है. इस बार यह हमारे गांव की ओर बह रही है. गौतम बुद्ध नगर, हरियाणा में तेजवाला हेडवर्क्स से सीवेज के कारण यमुना नदी में बाढ़ आ गई है.
वहीं, बारिश के बाद तेजवाला हेडवर्क्स के पास के इलाकों में पानी अधिक होने पर पानी छोड़ दिया जाता है. इससे नदी किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. आपको बता दें कि मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में दिल्ली- एनसीआर में बारिश के साथ-साथ आंधी चलने की भी संभावना जताई है.
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